नूंह | हरियाणा के नूंह में स्थित शहीद हसन खान मेवाती (SHKM) मेडिकल कॉलेज के संविदा कर्मियों को इससे वंचित रखने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Cout) पहुंच गया है. समान काम के लिए समान वेतन की नीति के बावजूद कर्मचारियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
भत्ता देने की मांग
याचिकाकर्ताओं को न तो डीए मिलता है और न ही मेवात में कार्यरत कर्मियों के लिए तय विशेष भत्ता. साथ ही, यह भी बताया कि सिर्फ महिला कर्मचारियों के साथ ही भेदभाव किया जा रहा है. नियमित महिला कर्मचारियों को 20 आकस्मिक छुट्टियाँ, बाल देखभाल अवकाश और मातृत्व अवकाश आदि जैसे लाभ मिलते हैं जबकि याचिकाकर्ताओं को नहीं मिलता.
याचिकाकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर हरियाणा सरकार को एक मांग पत्र भी दिया था लेकिन 3 नवंबर 2017 की नीति के आधार पर इसे खारिज कर दिया गया. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी नियुक्ति बैकडोर एंट्री नहीं थी, बल्कि उन्हें स्वीकृत पदों पर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए भर्ती किया गया था. हाईकोर्ट की और से याचिका पर हरियाणा सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
ये है पूरा मामला
याचिका दायर करते हुए सीमा और 30 अन्य ने हाई कोर्ट को बताया कि वे सभी 2012- 14 से मेडिकल अस्पताल में काम कर रहे थे. सभी को निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया. समान काम के लिए समान वेतन की नीति के बावजूद उन्हें नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ से वंचित किया जा रहा है. इन्हीं मांगों को लेकर मामला हाई कोर्ट तक जा पहुंचा है. अब हाईकोर्ट केंद्र के निर्णय के बाद ही न्याय मिल पाएगा.
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