गले की फांस बना 3 राज्यों को जोड़ने वाला नगीना-तिजारा मार्ग, 20 सालों से अटका काम; लोगों का फूटा गुस्सा

नूँह | पिछले 20 सालों से हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले नगीना- तिजारा रोड का काम अटका पड़ा है. सरकारें बदली- पार्टियां बदली, लेकिन नहीं बदला तो वह है इस परियोजना का हाल. आज भी यह परियोजना ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है. जानकार बताते हैं कि सबसे पहले हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा 1 जून 2011 को नगीना- तिजारा रोड को बनाने की घोषणा की गई थी. खुद 10 साल का कार्यकाल पूरा कर जाने के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री इस का निर्माण कार्य नहीं करवा पाए.

Village Road Sadak Firni

जुलाई 2024 से अटकी है परियोजना

इसके बाद प्रदेश में सत्ता की कमान संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों से अगस्त 2018 में इस रोड का निर्माण कार्य शुरू हुआ. लेकिन साल 2020 में कोरोना महामारी ने इस परियोजना पर ग्रहण लगा दिया. उसके बाद जुलाई 2024 में इस सड़क का दोबारा टेंडर जारी हुआ, लेकिन परियोजना अभी भी पूरी नहीं हो पाई है. इसके पीछे का कारण कानूनी दाव पेंच और सरकारों की लेट- लतीफी माना जा रहा है. स्थानीय निवासियों का सब्र का बांध भी अब टूटता जा रहा है.

4 करोड़ की आएगी लागत

मीडिया रिपोर्टस से मिली जानकारी के अनुसार सबसे पहले इस परियोजना के लिए मेवात आरटीआई मंच और चौधरी मौजी खान फाऊंडेशन द्वारा 7 अक्टूबर 1999 को धरना प्रदर्शन हुआ था. तब से लेकर अब तक यह परियोजना चर्चा में जरूर है, लेकिन धरातल पर इसका काम होता नज़र नहीं आ रहा.

हरियाणा में करीब 4 किलोमीटर और राजस्थान में 9 से 10 किलोमीटर के इस रास्ते पर करीब 4 करोड रुपए की लागत आने का अनुमान है. तिजारा में जैन समाज का ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर भी है. अगर यह रास्ता बन जाता है तो जैन श्रद्धालुओं को भी काफी सहूलियत होगी. वर्तमान में उन्हें इस प्राचीन मंदिर में आने के लिए 50 से 60 किलोमीटर दूर का चक्कर लगाना पड़ रहा है.

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