नूंह में हुई एक ऐसी अनोखी शादी: ना पंडित आया ना ही सात फेरे हुए, परिवार ने कही ये बात

नूंह | शादियां तो आपने बहुत देखी होगी. आज हम एक ऐसी शादी के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसमें पंडित को ही नहीं बुलाया गया और दूल्हा दुल्हन ने 7 फेरे भी नहीं लिए. यह शादी चर्चा का भी विषय बनी हुई है क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया. हिंदू रीति रिवाज में शादी के लिए पंडित को होना बहुत जरूरी है.

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नूंह जिले का है मामला

पूरा मामला हरियाणा के नूंह जिला का है. दुल्हन के पिता रवींद्र ने दलील दी कि उनके पूर्वज ऐसी रीति- रिवाज और मान्यता के साथ शादियां करते आ रहे हैं, जिसका उल्लेख उनके समाज और धर्म में नहीं है. नगीना गांव निवासी रवींद्र की बेटी की शादी अलवर जिले के क्षेत्र निवासी युवक से हुई है. उनकी शादी की सभी तैयारियां काफी समय से चल रही थीं लेकिन परिवार ने शादी के 7 फेरों और पंडित के लिए कोई इंतजाम नहीं किया.

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इस वजह से उठाया ये कदम

इस अनोखी शादी में शामिल होने आए एडवोकेट समय सिंह ने बताया कि अब तक हमारे पूर्वज पंडितों और ब्राह्मणों के माध्यम से शादियां कराते थे लेकिन ये एक संगठन की चाल है. आज मैंने इस चाल को तोड़ने का काम किया है और अपनी बेटी की शादी बिना मंत्र और 7 फेरे के कर दी है.

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शादी में उठाए ये सवाल

समय सिंह ने कहा कि जब हमारी एक बेटी और एक बेटा है तो पंडित शादी की तारीख क्यों तय करेगा. आज से हम खुद निर्णय लेंगे. धर्मगुरुओं की मदद नहीं लेंगे. यदि शादियाँ ब्राह्मणों और पंडितों के लगन के अनुसार हो रही हैं, तो बहनें, बेटियां विधवा क्यों हो रही हैं. हम बाबा भीमराव अंबेडकर के वंशज हैं और उन्होंने इस बात को मना किया है. उनका कहना ठीक भी है और ऐसा होना भी चाहिए. परिवार का कहना है कि जीवन में क्या होगा यह समय ही तय करता है.

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