चंडीगढ़ | भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार कोई महिला फाइटर पायलट अधिकारी (काम्बेट एवियटर) बनी है. पायलट का नाम कैप्टन अभिलाषा बराक है जो 26 साल की हैं. हरियाण (पंचकुला) की रहने वाली कैप्टन अभिलाषा बराक को कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल, नासिक से ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिया गया. इस अवसर पर डीजी आर्मी एविएशन एके सूरी मुख्य अतिथि थे. नासिक के कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कैप्टन अभिलाषा को सेना के 36 पायलटों के साथ विंग मिले.
हरियाणा की रहने वाली कैप्टन बराक द लॉरेंस स्कूल, सनावर की पूर्व छात्र हैं. उन्होंने 2016 में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में बी.टेक में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. 2018 में उन्हें अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी चेन्नई से भारतीय सेना में शामिल किया गया.
कैप्टन बराक ने एक साक्षात्कार में कहा कि “2018 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, मैं आर्मी एविएशन कॉर्प्स में शामिल हो गई. जब मैं फॉर्म भर रही थी, मुझे पता था कि मैं केवल ग्राउंड ड्यूटी भूमिका के लिए योग्य हूं, लेकिन मैंने उल्लेख किया कि मेरे पास एक पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट और एक कम्प्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली है. उन्होंने कहा कि उनके दिल में कहीं न कहीं यह बात चलती रही और उन्हें हमेशा से पता था कि वह दिन दूर नहीं जब भारतीय सेना महिलाओं को फाइटर पायलट के रूप में शामिल करना शुरू करेगी.
आपको बता दें कि कैप्टन अभिलाषा बराक ने आर्मी एयर डिफेंस यंग ऑफिसर्स कोर्स में ‘ए’ ग्रेडिंग, एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट एंड एयर लॉज कोर्स में 75.70 फीसदी ग्रेड हासिल किया और अपने पहले प्रयास में प्रमोशनल परीक्षा पार्ट बी पास की.
हरियाणा की 26 वर्षीय अभिलाषा बराक भारतीय सेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं. गौरतलब है कि आर्मी एविएशन कॉर्प्स का गठन 1986 में हुआ था. इसमें सेना के सभी अधिकारी और जवान होते हैं.आर्मी एविएशन कॉर्प्स ने 1987 में श्रीलंका में तमिल टाइगर्स के खिलाफ ऑपरेशन पवन और 1999 में कारगिल युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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