पंचकूला । हरियाणा सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी नियंत्रण हेतु विभिन्न मापदंडों व दिशा निर्देशों के तहत विभिन्न गतिविधियों को विनियमित करने और प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है. इसी दिशा में हरियाणा के वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों, हरियाणा पुलिस महानिदेशक, हरियाणा राज्य में सभी मंडलायुक्त और राज्य के सभी उपायुक्तों को एक आदेश पत्र जारी किया गया है.
कोरोना के नियमों का किया जाएगा सख्ती से पालन
वहीं शिक्षक बिना किसी बदलाव के स्कूलों में पहले की तरह आएंगे. और अपने प्रशासनिक कार्य जैसे कि परिणाम की तैयारी,प्रवेश और अन्य कार्य प्रक्रिया बिना किसी बदलाव के करेंगे. उन्हें इस दौरान कोविड-19 से बचने के सभी नियमों का पालन करना होगा, जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क का उपयोग,सैनिटाइजर, हाथों की स्वच्छता इत्यादि का सख्ती से पालन करना होगा.
कोशल ने आंगनवाड़ी केंद्रों और क्रेच के संबंध में बताया कि इसी प्रकार राज्य सरकार ने आने वाली 30 अप्रैल 2021 तक महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों और क्रेच को बंद करने का फैसला लिया है. विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लॉकडाउन की अवधि की तरह आंगनवाड़ी केंद्रों के काम करने की प्रक्रिया का पालन करें.
आईसीडीएस की सभी सेवाएं लाभार्थियों के दरवाजे पर प्रदान करें. वित्त आयुक्त ने बताया कि कोंरोना से बचाव के मानदंडों का सख्ती से पालन के साथ टीकाकरण के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को बुलाया जाएगा. यह निर्देश उपायुक्त द्वारा अपने-अपने जिलों में लागू किए जाएंगे और किसी भी उल्लंघन के लिए राष्ट्रीय प्रबंध और अपराध के अनुसार भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 और आपदा प्रबंध अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा. इन नियमों का सख्ती से पालन किया जाना आवश्यक है.
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