चंडीगढ़ | हरियाणा के डिप्टी सी एम दुष्यंत चौटाला जी और गृहमंत्री अनिल विज जी भले ही अपने बीच सब कुछ ठीक होने का समय समय पर दिखावा करते नज़र आते रहें है, किन्तु, इस खोखले दावे में ज़रा भी सच्चाई नजर नहीं आती है. दुष्यंत चौटाला और अनिल विज यानी दोनों को ही जब भी मौका मिलता है. दोनों ही एक दूसरे को घेरने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देते है. फ़िलहाल, एक ताज़ा मामला पानीपत मे सामने आया है. जहां ये मामला एस पी मनीषा चौधरी के विरुद्ध एफ आइ आर दर्ज होने से जुड़ा हुआ है.
अफसरों को ढाल बना कर दुष्यंत चौटाला और अनिल विज कर रहे हैं, एक दूसरे पर वार
पानीपत के पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनके साथी राजेश शर्मा के आत्महत्या से जुड़े मामले में विज के बीच बचाव से मनीषा चौधरी के विरुद्ध एफ आइ आर दर्ज हो गई है, यहां मुख्य बात यह रही कि अब इसी मामले पर दुष्यंत चौटाला ने पर सवाल उठाए है. इस पूरे मामले को लेकर राजनीति गर्मा गई है. एक ओर तो अफसरशाही हावी हो रही है तो दुसरी ओर राजनीति का भार उससे दोगुना हो गया है.
पहले की इसी अंजाद में गरमाई थी राजनीति
मनीषा चौधरी पर एफ आइ आर दायर होने के बाद उनकी चंडीगढ़ में एस एस पी ट्रैफिक के पद पर होने वाली नियुक्ति भी अटक गई है. मनीषा चौधरी पर एफ आइ आर दर्ज होने के बाद प्रदेश की आइ पी एस लाबी में अनबन चल रही है. यह इस प्रकार के मामले का कोई पहला मौका नहीं है, जब गृह मंत्री अनिल विज जी ने पुलिस अधिकारियों को लपेट में लिया हो. इससे पहले भी कुछ इसी अंदाज से उनका आइ पी एस अधिकारी संगीता कालिया से विवाद हो चुका है. इस मामले के सामने आने के बाद भी ऐसे ही राजनीति ने अपने पैर पसार लिए थे.
अनिल विज और दुष्यंत चौटाला के बीच बरसों से चली आ रही है खटपट
हालांकि, बात विज और दुष्यंत के बीच पुरानी तनातनी को लेकर हो रही है. दुष्यंत जब विपक्ष में कमान संभाल रहे थे, तब उन्होंने पिछली सरकार में विज के स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्य क्षमता पर गहरे सवाल उठाते हुए करोड़ों रूपए का घोटाला करने की बात पर दावा किया था. तभी से ही दोनों के बीच जुबानी जंग इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि उन्हें एक दूसरे के विरुद्ध अदालत तक पहुंच कर अपनी बात रखनी पड़ी थी.
दबंग विज नहीं है, अब दबने के मूड में
विज और दुष्यंत के दोनों के बीच हुआ विवाद भाजपा हाईकमान के पास भी पहुंचा था. दोनों कुछ दिनों तक शांत रहे. उसके बाद अब पानीपत की एस पी मनीषा चौधरी के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर सवाल उठाकर एक बार फिर से दुष्यंत ने जहां अपनी पुरानी शंका को बढ़ावा दिया है तो, वहीं दूसरी ओर विज भी किसी तरह से दबाव में आने के मूड में बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहे हैं. विज और दुष्यंत दोनो के बीच यह तनातनी अफसरशाही के लिए किसी अवसर तथा सरकार के लिए किसी बहुत बड़ी परेशानी से कम नहीं है.
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