पंचकूला | हरियाणा की आशा वर्कर आज विधानसभा तक मार्च कर रही हैं. राज्य की 20 हजार आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों और समस्याओं के समाधान को लेकर 8 अगस्त से हड़ताल पर हैं. हरियाणा की आशा वर्कर आज पंचकुला के यामनिका पार्क में जुटेंगी. पहले सभा होगी और फिर करीब 1.30 बजे विधानसभा की ओर मार्च करेंगे. इससे पहले ही सरकार ने संघ के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है. पुलिस यूनियन नेताओं के घरों पर छापेमारी कर रही है. इधर, जिला प्रशासन ने आशा कार्यकर्ताओं के मार्च को लेकर शहर में धारा 144 लागू कर दी है.
खबर है कि पंचकूला के सेक्टर 9 और 10 के चौक पर प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. आशा वर्करों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच धक्का मुक्की हुई है. प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस को जद्दोजेहद करनी पड़ी है. हरियाणा के विभिन्न जिलों से विभिन्न तरीकों से आशा वर्कर पंचकूला पहुंच हैं. पंचकुला में सीटू राज्य महासचिव जय भगवान, अध्यक्ष सुरेखा, आशा वर्कर्स यूनियन की महासचिव सुनीता, सचिव सुधा समेत सैंकड़ों की गिरफ्तारी हुई है.
सरकार पर लापरवाही का आरोप
पंचकूला पुलिस इन आंदोलनकारी महिलाओं को चंडीगढ़ मार्च नहीं करने देगी और उन्हें रोकने की हर संभव कोशिश करेगी लेकिन आशा वर्करों ने हर हाल में विधानसभा की ओर बढ़ने का ऐलान किया है. यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार लगातार कर्मियों की मांगों व समस्याओं की अनदेखी कर रही है.
स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव
आशा की हड़ताल से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. खासकर महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण अभियान ठीक से नहीं चल रहा है. आंदोलनरत आशाओं ने कहा कि वर्ष 2022 की तरह पुलिस और प्रशासन वाहनों की बुकिंग बंद करने और नेताओं को घेरने की कोशिश कर रही है और इस मार्च को विफल करने की कोशिश कर रही है. कई जिलों से ऐसी सूचनाएं आ रही हैं.
सरकार के निर्देश पर पुलिस ने विधानसभा मार्च को विफल बनाने के लिए हरियाणा आशा वर्कर्स यूनियन और सीटू के नेताओं की गिरफ्तारी के लिए घरों पर छापेमारी शुरू कर दी है. सरकार ने आशा वर्करों को चंडीगढ़ आने से रोकने के लिए जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. निर्देश मिलते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं.
बस मालिकों को धमका रही पुलिस
आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की अध्यक्ष सुरेखा और महासचिव सुनीता ने विधानसभा मार्च को विफल बनाने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा प्रदेश भर में की जा रही छापेमारी, निजी ट्रांसपोर्टरों को धमकियां देने और गाड़ियां रद्द करने की निंदा की है. उन्होंने कहा कि हर हाल में विधानसभा मार्च किया जायेगा. अगर पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की तो आशा कार्यकर्ता रास्ते में ही विरोध प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी रणनीति के खिलाफ विधानसभा मार्च के साथ- साथ सभी जिलों में प्रदर्शन भी किये जायेंगे.
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