पंचकूला । हरियाणा की मनोहर सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने नंबरदारी प्रथा के कामकाज पर अब सख्ती भरे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके तहत सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर नए नंबरदारों व सहयोगी सर्बरा नंबरदार की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए मौजूदा कार्यरत नंबरदारों को 75 वर्ष तक कार्यरत रखने व 60 वर्ष के बाद सीएमओ से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट तलब किया है.
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र भेजकर बताया कि प्रदेश सरकार नंबरदार व सर्बरा व्यवस्था में सुधारीकरण के लिए नई नियुक्ति पर रोक लगाते हुए मौजूदा नंबरदारों की 75 वर्ष तक ही सेवाएं लेने का फैसला किया है. वहीं सरकार के इस फैसले पर नंबरदार एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है.
इसी आदेश में उन्होंने कार्यरत नंबरदारों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाते हुए 60 साल से 70 साल की आयु सीमा में जिलें के चीफ मेडिकल आफिसर (सीएमओ) की जांच के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र बनवाने का आदेश दिया है. इससे पहले आयुष्मान कार्ड, मोबाइल सुविधा व अन्य लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत नंबरदारों में इस पत्र के बाद रोष और अधिक हो गया है. वहीं हरियाणा नंबरदार एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों को उनकी आवाज विधानसभा सत्र में उठाने के लिए अधिकृत किया है.
उपेक्षा सहन नहीं करेंगे नंबरदार
नंबरदार एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि सरकार राजस्व विभाग को केवल कम्प्यूटर के सहारे ही चलाना चाहती है लेकिन यह प्राचीन परंपरा के खिलाफ हैं. अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान भी नंबरदार का पद बहुत मान-सम्मान का होता था लेकिन सरकार अब इसको जानबूझकर खत्म करने की फिराक में हैं. नंबरदार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि अगर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तथा सरकार ने जल्द ही अपने पत्र को वापिस नहीं लिया तो नंबरदार प्रदेश स्तर पर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे.
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