पंचकुला | हरियाणा में 816 आर्ट एंड क्राफ्ट टीचरों की विभागीय सेवाएं आने वाले अगले तीन दिन में समाप्त करने के लिए स्पष्ट रूप से आदेश जारी कर दिए गए हैं. ऐसे में अब इन सभी टीचरों की भर्ती को माननीय कोर्ट की तरफ़ से रद्द कर दिया गया है.
यहां हम आपको मुख्य रूप से बता दें कि वर्ष 2006 में निकली इस भर्ती में इंटरव्यू को लेकर यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था. इस मामले में यमुनानगर के रहने वाले सचिन गर्ग व उनके साथ जुड़े लोगों ने वकील विक्रम श्योराण के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और वहां पहुंच कर अपना पक्ष रखा था.
विज्ञापन जारी करने के बाद बार- बार बदला गया था आवेदन के नियमों को
ऐसे में याचिका करने वाले लोगों ने विशेष रूप से अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वर्ष 2006 में हरियाणा सरकार की ओर से आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षको के 816 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. उस समय पर विज्ञापन में लिखा गया था कि परीक्षा के अतिरिक्त 25 अंक का इंटरव्यू भी आयोजित किया जाएगा. फिर थोड़े समय बाद नियम बदल दिया गया कि पदों से चार गुना आवेदकों को इंटरव्यू के लिए विभाग की ओर से बुलाया जा सकता है.
अंत में फिर निर्णय लिया गया कि 60 फ़ीसदी से ज्यादा अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. दरअसल, बार -बार होते संशोधनों के चलते इस भर्ती को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
आयोग के लोगों का हुआ है आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स के पदों पर चयन
एकल पीठ ने वर्ष 2015 में भर्ती खारिज करते हुए स्पष्ट रूप से कहा था कि भर्ती के बीच में नियम नहीं बदले जा सकते है। वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट ने अपना बयान जारी करते हुए कहा था कि पूरी प्रक्रिया देख कर यह स्पष्ट होता है कि नियुक्तियां तय नियमों के अनुसार नहीं हुई है और इस मामले में कार्रवाई के पश्चात यह भी पता चलता है कि कई अयोग्य लोग भी चयनित किए गए हैं.
चयनित शिक्षकों ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दी, किंतु इसका कोई लाभ नहीं हुआ. बीते वर्ष 10 नवंबर को हाई कोर्ट ने इन सभी शिक्षकों को हटाने के आदेश जारी किए थे, किंतु इन्हें अभी तक नहीं हटाया गया था.