पंचकूला। हरियाणा सरकार अपने अथक प्रयासों से प्रदेश में तीन महीनों के भीतर सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की तैयारी में है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिला उपायुक्तो के साथ हुई बैठक में कहा कि स्वाम्तिव योजना का कार्य 90 दिनों के भीतर पूरा करने का टारगेट रखा गया है और इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए.
हरियाणा की पहल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना को पूरे देश में लागू कर दिया है. हमें उम्मीद है कि इस योजना को सबसे पहले हरियाणा अपने यहां पूरा करेगा.
10 ड्रोन खरीदेगी सरकार
स्वाम्तिव परियोजना को निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार जल्द ही 10 ड्रोन खरीदेगी. हर जिले में तैयार होने वाले मॉडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड के लिए भी उपायुक्तो को निर्देश जारी किए गए हैं. परियोजना के काम में तेजी लाने के तहत हर सप्ताह क्षेत्रीय स्तर पर समीक्षा की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी और गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपति को लेकर बनने वाली भ्रम की स्थिति काफी हद तक दूर हो जाएगी. इससे गांवों में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही दिशा में आगे बढ़ सकेंगी और शहरों की तर्ज पर गांवों में भी ग्रामीण बैंकों से ऋण ले सकेंगे.
क्या होता है लाल डोरा
लाल डोरे की व्यवस्था अंग्रेजों के समय सन् 1908 में बनाई गई थी. उस समय राजस्व रिकॉर्ड रखने के लिए खेती-बाड़ी की जमीन के साथ स्थित गांव की आबादी को अलग-2 दिखाने के उद्देश्य से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाईन खींच दी जाती थी. लाल डोरे के अंदर लोग कब्जे की भूमि के मालिक होते थे,जिसे लाल डोरा कहां जाता है.
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