पंचकूला । प्रदेश की गठबंधन सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में निर्णायक फैसला लेते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों को ठेकेदारों के चंगुल से आजाद कर दिया है. कैबिनेट मीटिंग में राज्य में ठेकेदारी प्रथा पर कड़ा प्रहार करते हुए इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है. आउटसोर्सिंग माध्यम से होने वाली सभी भर्तियां अब सरकार की निगरानी में होंगी. यानि ठेकेदार के किरदार को बीच से हटा दिया गया है. इसके लिए प्रदेश सरकार खुद का ‘हरियाणा कौशल रोजगार निगम’ विभाग बनानें का निर्णय लिया है.
गत दिवस सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में इस फैसले को मंजूरी दी गई है. हालांकि बीजेपी खुद भी चुनावी रण में ठेकेदारी प्रथा खत्म करने की बात कहती रही है. ठेकेदारी प्रथा को प्रदेश सरकार ने तर्क दिया है कि ठेकेदार किसी कर्मचारी की भर्ती के लिए सरकार से अधिक पैसा ऐंठ रहें हैं और कर्मचारियों को तनख्वाह के रूप में कम पैसे देते आ रहे हैं.
साथ ही वह न तो पीएफ जमा करवाते हैं और न ही कर्मचारियों के लिए ईएसआई की सुविधा प्रदान करते हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की बात शामिल की थीं. गृहमंत्री अनिल विज भी कई बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ठेकेदारों के माध्यम से होने वाली भर्तियों का विरोध कर चुके हैं. उनका कहना है कि आउटसोर्सिंग के तहत भर्ती होने वाले युवाओं का ठेकेदार शोषण कर रहे हैं.
समय पर नहीं मिलता वेतन
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं जहां कॉन्ट्रैक्ट की भर्तियों में नौकरियों के लिए ठेकेदार युवाओं से अवैध पैसा वसूल रहे हैं. साथ ही समय पर तनख्वाह न देने ,पीएफ और ईएसआई फंड में हेराफेरी, मनमर्जी से ठेकेदार द्वारा युवाओं की नौकरी से छुट्टी करना आदि आम बात है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि कैबिनेट ने दो करोड़ रुपए की इक्विटी शेयर के साथ विभाग की स्थापना की मंजूरी दे दी है.
इन्हीं मुद्दों को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश सरकार ने खुद के विभाग के जरिए युवाओं को रोजगार देने का निर्णय किया है. कौशल विकास एवं औधोगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में यह विभाग कार्य करेगा. अब सभी विभाग, बोर्ड-निगम , यूनिवर्सिटी व सरकार के स्वामित्व वाले संगठन में कुशल,अर्द्धकुशल एवं अन्य मानव शक्ति की उपलब्धता के लिए इस निगम विभाग को सूचित करना होगा. विभाग योग्यता व अनुभव के आधार पर युवाओं का चयन कर विभागों व बोर्ड- निगमों की जरूरत पूरी करेगा.
रोजगार की तलाश वाले युवाओं का डाटा होगा तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार की बाट जोह रहे उम्मीदवारों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जाएगा. निजी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के तैयार कर उनकी डिमांड पूरी की जाएगी. किसी भी विभाग या बोर्ड निगम में तैनाती से पहले विभाग के निदेशक मंडल से परमिशन लेनी होगी.
मुख्य सचिव इस विभाग के निदेशक मंडल के चैयरमेन होंगे. निदेशक मंडल में हरियाणा विकास एवं पंचायती विभाग,शहरी स्थानीय निकाय विभाग, औधोगिक प्रशिक्षण विभाग, वित्त तथा रोजगार विभाग के प्रशासनिक सचिवों के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव और कौशल विकास एवं औधोगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक शामिल होंगे. मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी.
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