पंचकूला । सड़क हादसों और फसलों में नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लावारिस गायों को उपयोगी बनाने की दिशा में हरियाणा सरकार एक बड़ी पहल शुरू कर रही है. विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के प्रयासों से पंचगव्य पर बड़े अनुसंधान की रुपरेखा तैयार हो गई है. इस योजना के केंद्रबिंदु के तौर पर पंचकूला विधानसभा क्षेत्र के गांव सुखदर्शनपुर को चुना गया है.
यहां पर होने वाले अनुसंधान को प्रदेशभर की गौशालाओं में क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए विधानसभा स्पीकर की बुधवार को विधानसभा सचिवालय में हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग के साथ मीटिंग हुई. इस अनुसंधान केंद्र के लिए पंचकूला नगर निगम जमीन उपलब्ध करवाएगा.
विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि उन्हें इस बात को लेकर बेहद प्रसन्नता हुई कि गौसेवा आयोग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पंचकूला को तवज्जो दी है. इस योजना का फायदा पूरे हरियाणा के साथ-2 पंचकूला और आस-पास के क्षेत्र को मिलेगा. यहां विद्यमान बड़ी संख्या में गौधन को उपयोगी बनाने की दिशा में यह अनुसंधान केंद्र मील का पत्थर साबित होगा.
हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग ने कहा कि इस अनुसंधान केंद्र में गाय के दूध, गोबर, गौमूत्र इत्यादि पर शोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बनने वाली लकड़ी दाह संस्कार के लिए काफी उपयोगी हैं. इसी प्रकार गोबर से बनने वाला प्रोम डीएपी खाद का विकल्प होगा. यह जैविक पद्धति से तैयार किया जाएगा जो रासायनिक तत्वों के दुष्प्रभाव को दूर करने में मदद करेगा.
मीटिंग में मौजूद पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा कि उनके शहर के लिए यह गौरवान्वित करने वाली बात है कि ऐसे महान कार्य के लिए उनकी जमीन को चिह्नित किया गया है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग को आश्वासन देते हुए कहा कि पंचकूला नगर निगम इस योजना को सिरे चढ़ाने में हर प्रकार से सहयोग करेगा.
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