पंचकुला I कोरोना महामारी के कारण स्कूल काफी दिनों से बंद थे,परन्तु अब जब सरकार ने धीरे धीरे इन्हें खोलने का निर्णय लिया है तो अभिभावकों को काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.क्योंकि स्कूलों द्वारा अप्रैल माह से ही फीस लेने की बात की जा रही थी, जिससे अभिभावकों में रोष एवं चिंता दोनों थे.
परन्तु पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनके हित मे फैसला देकर उनके लिए राहत का कार्य कहा है कि वो निजी स्कूल अभिभावकों से फीस नहीं ले सकते जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ली थी ,इसलिए वो विद्यार्थियों से ट्यूशन फीस नहीं ले सकेंगे. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को पिछले सात महीने की बैलेंस शीट चार्टर्ड अकाउंटेंट से सत्यापित करवाकर दो सप्ताह में कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया है.
निजी स्कूल में काम कर रहे कर्मचारियों को भी दी वेतन सम्बन्धी राहत
इस केस की सुनवाई कर रही जस्टिस राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली बैंच ने कोर्ट के सिंगल बैंच के फैसले के खिलाफ अभिभावकों के हित में निर्णय लिया है. इसके साथ ही अपने आदेश में न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि निजी स्कूल अपने नियमित या अनुबंधित कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती नहीं कर सकते इसलिए उन्हें लॉकडाउन से पहले मिलने वाले वेतन का ही भुगतान करना होगा. साथ ही छात्रों से परिवहन शुल्क भी नही वसूला जाएगा.
सिंगल बेंच ने यह दिया था आदेश
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 30 जून को पंजाब के निजी स्कूलों द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए ऑनलाइन कक्षाएं लगाने और न लगाने वाले सभी स्कूलों को एडमिशन और ट्यूशन फीस वसूलने की इजाजत दे दी थी,जिससे अभिभावकों की जेब पर काफी विपरीत असर पड़ रहा था. इसके अलावा सिंगल बेंच ने निजी स्कूलों को इस वर्ष फीस न बढ़ाने का भी आदेश दिया था व अपने फैसले में कहा था कि जो अभिभावक खराब आर्थिक स्थिति के कारण फीस नहीं दे सकते, वह स्कूल को अर्जी देंगे और निजी स्कूल इस लर निर्णय लेंगे जिसमें संवेदनाओं को ध्यान में रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि ऐसे छात्रों की फीस माफ की जा सकती है या बाद में ली जा सकती है.इसलिए यही फैसला बाद में हरियाणा सरकार ने भी लागू कर दिया था.