पंचकूला । केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आपस में भिड़ गए हैं.
इन कानूनों पर अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए बड़ी संख्या में किसान दिल्ली कूच का प्रयास कर रहे हैं, परंतु हरियाणा सरकार ने आसपास के राज्यों की सीमाओं को सील कर दिया है और किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने हेतु अनेक बंदोबस्त किए हैं. दिल्ली सरकार भी शांति व्यवस्था और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए चौकन्नी हो गई है.
हरियाणा-पंजाब मुख्यमंत्री के बीच हुआ विवाद
हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मध्य बुधवार दोपहर को उस समय विवाद हो गया जब पंजाब मुख्यमंत्री ने लगातार चार ट्वीट कर दिए. 2 ट्वीट में उन्होंने हरियाणा मुख्यमंत्री को संबोधित किया और एक ट्वीट में बीजेपी के नेतृत्व को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी पार्टी की सरकार वाले राज्यों को किसानों को दिल्ली जाने देने के लिए आग्रह करें. पंजाब मुख्यमंत्री के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए खट्टर ने जवाब दिया कि कोरोना संक्रमण के दौरान कैप्टन अमरिंदर को भोले-भाले किसानों पर राजनीति करना शोभा नहीं देता.
किसानों को प्रताड़ित ना किया जाए
पंजाब मुख्यमंत्री ने पहले ट्वीट में कहा कि यह बहुत ही दुखद विडंबना है कि संविधान दिवस के मौके पर ना केवल किसानों के संविधानिक अधिकारों को छीना जा रहा है बल्कि उन्हें यातनाएं भी दी जा रही है. किसानों को अपनी आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने दिया जाए.
किसानों की आवाज को ना दबाएं
अपने दूसरे ट्वीट में कैप्टन ने कहा कि किसान पिछले 2 महीने से पंजाब में बिना किसी समस्या के विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन जब वह हरियाणा पहुंचे तो उनकी आवाज को बल प्रयोग द्वारा दबाया जा रहा है और उन्हें हिंसा करने पर मजबूर किया जा रहा है. कैप्टन ने अपने ट्वीट में खट्टर से पूछा कि क्या किसानों को सार्वजनिक मार्ग से गुजरने का अधिकार नहीं है. तीसरे ट्वीट में कैप्टन ने कहा कि देश का पेट भरने वाले किसानों के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है. कृपा कर किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने दिया जाए
खट्टर ने दिया करारा जवाब
मुख्यमंत्री खट्टर ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आपके धोखे, झूठ का समय समाप्त हो गया है. कृपा करके कोरोना महामारी के समय में किसानों की जान के साथ खिलवाड़ ना करें. मैंने आपसे बात करने की, मिलने की पूरी कोशिश की लेकिन आपने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई. मैं आश्वासन दे रहा हूं कि इन तीन नए कानूनों से किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा. किसानों की उपज एमएसपी पर ही खरीदी जाएगी. यदि किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम दाम नहीं मिला तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.
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