HSSC को कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं, 51 सालो से हो रहा है संचालन

पंचकुला । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हाल ही में यह दावा किया गया है कि उनकी सरकार ने नौकरियों में पर्ची औऱ खर्ची के सिस्टम को खत्म कर दिया है. जो पिछली सरकारों के समय में था. उन्होंने बताया कि अब तक विभिन्न विभागों में योग्यता के आधार पर 80000 नौकरियां प्रदान की गई है. सरकारी विभाग में ग्रुप सी व डी श्रेणी तथा गैर राजपत्रित शिक्षण पदों के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल एवं इन वर्गों के पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कॉमन पात्रता परीक्षा आयोजित करने का भी फैसला लिया गया है.

HSSC

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को कोई वैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं 

वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि आज तक एचएसएससी को कोई वैधानिक दर्जा ही प्राप्त नहीं है. इसका संचालन 1970 में सरकार द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन द्वारा किया गया था. समय-समय पर इसमें राज्य सरकारों द्वारा संशोधन भी किए गए. प्रदेश में कार्यरत खट्टर सरकार द्वारा भी पिछले 6 वर्षों में इसके कानूनी दर्जा देने के लिए कोई अधिनियम नहीं बना पाई.

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ढाई वर्ष पहले भी जुलाई 2018 में हेमंत ने मुख्यमंत्री और तत्कालीन मुख्य सचिव दीपेंद्र सिंह ढेसी आदि को अलग-अलग प्रतिवेदन भेजकर 28 जनवरी 1970 को अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड, जिसका नाम दिसंबर 1997 में बदलकर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग किया गया, का गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के अंतर्गत किए जाने के बारे मे कहा था. बता दें कि इसी अनुच्छेद में मूल नोटिफिकेशन में राज्य सरकार द्वारा संशोधन किए जाने पर कानूनी प्रश्न उठाया था, लेकिन यह बहुत खेद जनक बात है कि आज तक सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है . साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में देश की राज्य सरकारों से जानकारी प्राप्त की जा रही है.

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जानिए आर्टिकल 309 के बारे में 

हेमंत ने बताया कि आर्टिकल 309 के तहत केंद्र सरकार व राज्य सरकार कि सरकारी भर्तियों से संबंधित नियम व अधिनियम बनाने का प्रावधान है. किसी भी प्रकार से इस अनुच्छेद के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई चयन एजेंसी,या बोर्ड, आयोग गठित नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा भी अपने कर्मचारी चयन आयोग,  जिसे पहले अधीनस्थ सेवा आयोग कहा जाता था.  सर्वप्रथम गठन 1975 में भारत सरकार के कार्मिक विभाग के रेगुलेशन द्वारा किया गया था. बाद में मई 1999 में कर्मचारी चयन आयोग का पुनर्गठन भी मंत्रालय के नए रेसोलुशन द्वारा किया गया.

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