पंचकुला | हरियाणा में ग्रुप डी के लिए भर्ती हुए कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने की कार्यवाही को तेजी से शुरू कर दिया गया है. यहां हम आपको विशेष रूप से बता दें कि सरकार द्वारा ग्रुप डी की भर्ती साल 2019 में की गई थी. सरकार ने इस भर्ती में स्पोर्ट्स कोटे में भर्ती हुए ग्रुप डी के कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. स्पोर्ट्स कोटे के अंतर्गत लगभग 1518 कर्मचारियों की भर्ती की गई थी.
बीते वर्ष 31 दिसंबर को ही जारी कर दिए गए थे टर्मिनेशन के आदेश
दरअसल, बीते वर्ष 31 दिसंबर को ही शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, सामान्य प्रशासन आदि जैसे सभी बड़े विभागों ने उनके यहां लगे कर्मचारियों को टर्मिनेट यानी उनकी पोस्ट से बर्खास्त करने के लिए आदेश जारी कर दिए थे. ऐसे मामलों में अब बाकी बची प्रक्रिया शुरू हो गई है.
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार से किया सवाल
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा जी ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार ही इसके लिए जिम्मेदार है. आगे फ़िर उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए अपनी बात रखी और कहां कि सरकार की गलती की सजा युवा भला क्यों भुगते? उन्होंने कहा कि अब इस मामले को लेकर जनवरी की 12 तारीख को डी सी कार्यालयों का घेराव किया जाएगा.
मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, लेकिन वहां भी नहीं मिली राहत
यहां हम आपको मुख्य रूप से बता दें कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2019 में ग्रुप डी के 18218 पदों पर भर्ती की गई थी. इसमें कुल 1518 पद खिलाड़ियों के लिए आरक्षित किए गए थे, जिन पर भर्ती हुई थी. किंतु नई और पुरानी पॉलिसी की ग्रेडेशन सर्टिफिकेट में काफी युवा फस गए, सरकार ने केवल नई पॉलिसी के मुताबिक ही जारी हुए ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को मान्य किया .जिनके पास भी पुरानी पॉलिसी के मुताबिक यह सर्टिफिकेट मौजूद थे ,उन्हें नए पॉलिसी के मुताबिक बनवाने का मौका भी दिया गया किंतु नियमों में काफी जल्दी बदलाव होने की वजह से वह ऐसा करने में नाकामयाब हो गए .अंत में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा परंतु फिर भी इन्हें राहत नहीं मिली.
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