पंचकूला । अब बिजली के खंभे,तार व फ्यूज उड़ने पर आपको बिजली अधिकारियों एवं कर्मचारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि प्रदेश सरकार ने बिजली निगम में राईट टू सर्विस एक्ट -2014 को लागू कर दिया है. इस एक्ट के लागू होने के पश्चात अब निगम को निर्धारित समय-सीमा में बिजली समस्या का समाधान करना अनिवार्य होगा, वरना जिस अधिकारी या कर्मचारी का क्षेत्र होगा,उसकी जवाबदेही तय होगी. इस जागरूकता से संबंधित बोर्ड व फ्लैक्स निगम की ओर से विभिन्न कार्यालयों में लगाएं गए हैं, ताकि वहां आने-जाने आम आदमी विशेषकर बिजली उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी मालूम हो सकें और वें इन अधिकारों का सदुपयोग कर सकें.
तय समय में करना होगा समाधान
राइट टू सर्विस एक्ट के लागू होने के बाद अब अधिकारियों व कर्मचारियों को शिकायतों का समाधान तय समय-सीमा में करना होगा. ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा. बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का तय समय-सीमा में समाधान न होने की स्थिति में अधिकारी व कर्मचारी को ऑन रिकॉर्ड जवाब देकर स्पष्ट करना होगा कि देरी की वजह क्या है. शहरों में फ्यूज ऑफ कॉल के लिए चार घंटे की टाइम लाइन निर्धारित की गई हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 16 घंटे फ्यूज ऑफ कॉल टाइम लाइन निर्धारित की गई है. इस तय समय से अधिक समय होने पर संबंधित क्षेत्र के जेई व एसडीओ को इसका पूर्ण जवाब देना होगा.
मिली जानकारी अनुसार पिछले दिनों प्रदेश सरकार और बिजली वितरण निगम अधिकारियों के बीच विशेष बैठक हुई. बैठक में बिजली अधिकारियों की समस्या को लेकर चर्चा हुई. इस पर सरकार ने बिजली वितरण निगम के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है. इसमें बिजली उपभोक्ताओं का समय पर समाधान करना मुख्य रूप से हैं. नए नियमों को तय कर बिजली वितरण निगम अधिकारियों के पास भेज दिया गया है. इसके साथ ही अलग से जांच कमेटी बनाएं जाने का भी फैसला लिया गया है.
नई गाइडलाइंस में तय किए गए नियम
- नेचुरल फ्यूज ऑफ कॉल- शहरी क्षेत्र में 4 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 16 घंटे
- लाइन ब्रेकडाउन- शहरों में 8 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 16 घंटे
- खंभा टूटने पर ब्रेकडाउन- शहरी क्षेत्र में 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे
- अंडरग्राउंड केबल ब्रेकडाउन- शहरी एवं ग्रामीण दोनों में 48 घंटे
- डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर फेलियर- शहरी क्षेत्र में 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे
- मेजर पॉवर फेलियर- शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 7 दिन , लेकिन 24 घंटे में वैकल्पिक व्यवस्था कर बिजली सप्लाई चालू करनी होगी
- पीरियड ऑफ शेड्यूल आउटेज- 8 घंटे किसी भी दिन या शाम 6 बजे बाद