पंचकुला | हाल ही में एक बार फिर से टीचर्स की भर्ती रद्द करने का मामला सामने आया है. यह मामला पीजीटी संस्कृत अध्यापकों (PGT Sanskrit Teachers) से जुड़ा बताया जा रहा है. जहां, एक ओर सड़क पर बैठ कर महिलाएं अपनी मांगे मनवाने के लिए रोती हुई नज़र आ रही हैं तो वहीं, दूसरी तरफ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार खड़ी है. यहां हम आपको विशेष रूप से जानकारी दें दे कि यह धरना प्रदर्शन पीजीटी संस्कृत अध्यापकों द्वारा केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस समय कोर्ट से भी ऊपर जा कर इन टीचर्स की भर्ती को रद्द किया जा रहा है.
कोर्ट से ऊपर जा कर किया पीजीटी संस्कृत अध्यापकों की भर्ती को रद्द
ऐसे में पीजीटी शिक्षक भर्ती रद्द होने के बाद से ट्विटर पर भी हड़कंप मचा हुआ है. जहां हर कोई हरियाणा सरकार को असंवेदनशील, निर्दयी सरकार और तानाशाही रवैए वाली सरकार की उपाधियां देता हुए नज़र आ रहे हैं. इस मामले में लोगों का साफ़ तौर पर कहना है कि अगर सरकार के मन में अभी भी इंसानियत जिंदा है, तो उन्हें पीजीटी टीचर का साथ देना चाहिए. इस भर्ती को रद्द नहीं करना चाहिए. एक तरफ़ शिक्षकों का कहना है कि यह जो महिलाएं रोते हुए अपना दुख प्रकट कर रही हैं और इनके जो आंसू चुपचाप गिर रहे हैं, वे भविष्य में काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं.
महिलाएं रो रही हैं,ये जो चुपचाप आंसू गिरते हैं ना, ख़तरनाक होते हैं!
तियापांचा करने वालों,कोर्ट से ऊपर होकर भर्ती रद्द करने वालों..शर्म करो!
कैसी असंवेदनशील,निर्दयी सरकार और कैसी तानाशाही!
हरियाणा देख रहा है ना?
ज़िंदा हो तो साथ दो इनका.भर्ती रद्द नहीं होने देनी#savepgtsanskrit pic.twitter.com/Naj4871bR3— Shweta Dhull (@ShweDhull) February 9, 2021
सड़क पर बैठकर धरना करने को मजबूर हुए पीजीटी संस्कृत के अध्यापक
इस समय पर हर कोई पीजीटी संस्कृत टीचर (PGT Sanskrit Teachers) की भर्ती को रद्द होने से रोकना चाहता है और इसी मामले के चलते यह सभी शिक्षक सड़क पर बैठ कर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है. ऐसे में मुख्य वजह सिर्फ यह बताई जा रही है कि कोर्ट से ऊपर जाकर पीजीटी संस्कृत टीचर की भर्ती को रद्द किया जा रहा है
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