पंचकुला | काेराेना काल के चलते 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के लिए 2 नंवबर से स्कूल खोले जा रहे हैं. अब विद्यार्थी पैन, कॉपी और किताब एक दूसरे काे न ही दे और न ही ले सकते हैं. सभी विद्यर्थियों को खुद पानी की बाेतल स्कूल में लानी हाेगी. काेराेना काल के दौरान अब बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारियाें को अन्तिम चरण में पहुंचा दिया गया है.
तीन चरणों में खुलेंगे स्कूल
सूत्रों के मुताबिक मिली ख़बर के मुताबिक़ सरकार ने सभी स्कूलों को तीन चरणों में खोलने का प्रस्ताव सामने रखा है. 2 नवंबर से 10वीं और 12वीं की कक्षाएं और इसके पश्चात् 1 दिसंबर से कक्षा छठी कक्षा से 9वीं व ग्यारह और अगले वर्ष 1 जनवरी से पहली से पांचवी कक्षा तक के स्कूली बच्चों को स्कूल में बुलाया जाना तय किया गया है. अभी के समय में केवल शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा रहा है, किन्तु उनसे कोई भी काम नहीं करवाया जा रहा है. तय किए गए निर्देशों के अनुसार तरीके से स्कूल खोले जाएंगे.
बढ़ सकता है शिक्षकों का कार्य भार
इस कारण शिक्षकों का कार्य भार बढ़ जाएगा, किन्तु सरकार की ओर से बोर्ड परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम में कटौती की गई है. इससे आने वाले समय में स्कूल खोलने के बाद छोटी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में भी कटौती की जा सकती है. जिससे इस साल स्कूल कम खुलने से बच्चों को किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, शिक्षकों पर अब कम समय में पूरा पाठ्यक्रम करवाने के साथ साथ उसकी दोहरही करवाने का प्रयास भी शिक्षकों द्वारा किया जाएगा.
स्कूल खोलने से पहले होंगे सेनेटाइज
स्कूल खोलने से पहले उसे अच्छी तरह से सेनेटाइज करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही साथ स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वहानो को भी सेनेटाइज किया जाएगा.
शिक्षकों व बच्चों को रखना होगा विषेश ध्यान
स्कूल के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, शौचालय पानी की टंकियों को सावधानी से सेनेटाइज किया जाएगा. स्कूलों में हाथ धोने के सभी इंतजाम किए जाएंगे. सभी कक्षाओं के बहार ऑपरेटेड सेनेटाइज स्टैंड की व्यवस्था की जायेगी. सभी विद्यार्थी अपनी कक्षा में भोजन करेंगे. शिक्षक स्टाफ रूम में भी आपस में उचित दूरी का पालन करते नज़र आएंगे. शिक्षकों और विद्यार्थियों को मास्क लगाकर आने के लिए सख्ती से कहा गया है और मास्क के बिना किसी को भी स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. मिडे डे मील के स्थान पर सुखे राशन को ही बांटा जाएगा.
सख्ती से होगी गाइडलाइन की पालना
गाइडलाइन की सख्ती से पालना करनी जरूरी होगी. स्कूलों के बाहर ठेले वालों के लिए आने जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाएंगी. बीमार विद्यार्थियो के लिए अलग से कक्षाएं लगाई जाएंगी. जिला व ब्लॉक स्तरीय मेडिकल अधिकारी से संपर्क कर स्कूल वाइज टीम गठित की जाएगी. एक मेडिकल ऑफिसर का स्कूल में मौजूद रहना अनिवार्य होगा. स्टाफ और स्कूली बच्चों की समय समय पर मेडिकल जांच कराई जानी आयश्यक होगी.
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