नहीं बंटेगी नान क्रीमीलेयर,सभी को मिलता रहेगा समान आरक्षण, सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज किया हरियाणा सरकार का आदेश

पंचकूला । हरियाणा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की नॉन क्रीमीलेयर को दो भागों में बांटने के प्रदेश सरकार के पांच वर्ष पुराने आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. नॉन क्रीमीलेयर में छः लाख रुपए सालाना की जगह तीन लाख रुपए से कम आय वालों को प्राथमिकता देने के आदेश को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्णय सुनाते हुए हरियाणा सरकार द्वारा 17 अगस्त 2016 को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसके तहत तीन लाख रुपए तक आय वाले ओबीसी परिवारों को शिक्षण संस्थाओं में एडमिशन और नौकरियों में वरीयता दी गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को तीन महीने में नई अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं. हालांकि जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने 17 अगस्त 2016 और 2018 की अधिसूचनाओं के आधार पर हुएं एडमिशन और नियुक्तियों को बाधित नहीं करने के भी निर्देश दिए हैं.

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साल 2016 की अधिसूचना के तहत मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए तीन लाख रुपए तक की सालाना आय वाले ओबीसी युवाओं को नान क्रीमीलेयर के अंदर वरीयता दी गई थी. इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी 7 अगस्त 2018 को दिए अपने फैसले में नान क्रीमीलेयर सेगमेंट के भीतर वार्षिक आय के रूप में उप- वर्गीकरण करने वाली सरकारी अधिसूचना को असंवैधानिक करार दिया था.

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केवल आर्थिक मानदंडों पर नान क्रीमीलेयर के भीतर उप वर्गीकरण को सही ठहराने के लिए कोई डाटा नहीं था. हाईकोर्ट के जस्टिस महेश ग्रोवर और जस्टिस महावीर सिंधु की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि छः लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वालों को क्रीमीलेयर के रूप में माना जाता है. ऐसे में बिना किसी इनपुट के पिछड़ों की सूची में उप वर्गीकरण पिछड़े वर्ग के बीच समान वितरण के दरवाजे बंद कर देता है.

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ऐसे समझिए हरियाणा का क्रीमीलेयर

क्रीमीलेयर ओबीसी की वह कैटेगरी है जिसे आर्थिक दृष्टि से सक्षम माना जाता है. इस कैटेगरी के लोगों को नौकरी और शिक्षा में 27% आरक्षण नहीं मिलता है. मौजूदा नियमों के मुताबिक छः लाख रुपए या इससे ज्यादा की वार्षिक इनकम वाले परिवारों को क्रीमीलेयर की कैटेगरी में रखा जाता है.

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