पंचकूला । हरियाणा में डेंगू मरीजों की संख्या रिकार्ड तोड़ रही है. इस बार मरीजों का आंकड़ा पिछले 6 सालों में सर्वाधिक है. कई जिलों में तो हालात इतने खराब हो चुके हैं कि डेंगू मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं. वहीं सरकार भी कोरोना की तरह डेंगू के केस और मौतें छिपा रही है. अभी तक सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार डेंगू के 8085 मरीज सामने आएं हैं जबकि 4 लोगों की मौत हुई है. यदि इसमें निजी अस्पतालों में आएं डेंगू मरीजों को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 20 हजार के पार पहुंच जाएगा जबकि 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
कई जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों को निर्देश तक जारी कर दिए हैं कि डेंगू की रिपोर्ट सार्वजनिक न करें.दरअसल, सरकारी अस्पतालों में डेंगू का टेस्ट एलाइजा तकनीक से होता है. इसी टेस्ट में पॉजिटिव आने वालों को ही सरकार डेंगू मरीज मानती है. जबकि, प्राइवेट अस्पतालों में कार्ड से टेस्ट होता है. इसमें पॉजिटिव को सरकार डेंगू मरीज नहीं मान रही.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक डेंगू के 44% यानि 3743 मरीज 5 जिलों- फतेहाबाद, पंचकूला, हिसार, सिरसा व सोनीपत में मिले हैं. फतेहाबाद में सर्वाधिक 880, पंचकूला में 768, हिसार में 730, सिरसा में 698, सोनीपत में 667 मरीज मिल चुके हैं. फतेहाबाद, पंचकूला, सिरसा व सोनीपत में तो केंद्र की टीम ने भी स्थिति का जायजा लिया है.
ऐसे समझे आंकड़े छिपाने का खेल
एक न्यूज पेपर की खबर के मुताबिक कैथल में स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिए थे कि वे डेंगू की रिपोर्ट सार्वजनिक न करें. प्राइवेट अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू मरीजों का आंकड़ा भी सौंपा लेकिन इन मरीजों को रिकॉर्ड में दिखा रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई. कैथल नागरिक अस्पताल में केवल 1 डेंगू मरीज दाखिल हैं ,पर निजी अस्पतालों में यह संख्या 50 के पार है.
12 जिलों में ब्लड सेपरेटर मशीन की सुविधा नहीं
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए जरूरी उपकरण तक नहीं है. एक न्यूज पेपर की पड़ताल में पाया गया कि प्रदेश के 12 जिलों झज्जर, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, चरखी दादरी, सिरसा,पलवल, फतेहाबाद, भिवानी, जींद, कैथल, पानीपत व सोनीपत में ब्लड सेपरेटर मशीन की सुविधा नहीं है. यह मशीन ब्लड कंपोनेंट से प्लेटलेट्स को अलग करने के काम आती है.
डेंगू फैलने की वजह
• प्रदेश के ज्यादातर जिलों में जमकर बारिश हुई जिसके चलते जगह- जगह जलभराव होने से एडीज मच्छर बड़ी संख्या में पनपा.
• इसी मौसम में डेंगू बीमारी के फैलने की संभावना अधिक रहती है. इस बार शहरी स्थानीय निकायों व पंचायत विभाग ने शुरुआत में इसकी रोकथाम के लिए कोई उपाय नहीं किए.
• कुछ जगहों पर तो एक बार भी फॉगिंग नहीं हुई है. जलभराव वाले स्थानों पर दवा का छिड़काव भी नहीं किया गया.
एक्सपर्ट व्यू
इंटर्नल मेडिसिन विभाग के डॉ पंकज रेलन ने बताया कि एलईडी की तेज रोशनी से एडीज मच्छर को रात में भी दिन का अहसास हो रहा है, इसलिए अब यह दिन के साथ-साथ रात में भी काट रहा है. इसी वजह से डेंगू मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.
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