पंचकूला । फर्जी व नकली राशन कार्डों की शिकायतें सामने आने पर खाद्य आपूर्ति विभाग ने बीपीएल कार्ड, अंत्योदय अन्न योजना कार्ड की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. विभाग द्वारा सभी जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रकों को राशन सामग्री प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों की सूची का मिलान करने के निर्देश दिए गए हैं. एडीसी कार्यालय में साल 2013 के रिकॉर्ड को खंगालने की तैयारियां शुरू हो चुकी है.
शहरी क्षेत्रों में ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए नगर पालिकाओं की मदद ली जाएगी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में एडीसी की अध्यक्षता में ऐसे लोगों की पहचान कराई जाएगी. पूरे हरियाणा से बीपीएल, एएवाई और ओपीएच के करीब 24 लाख राशनकार्ड की जांच होगी.
बता दें कि प्रदेश में करीब 24 लाख परिवार एएवाई, ओपीएच और बीपीएल कार्ड के माध्यम से केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. इनमें ओपीएच के करीब 15 लाख 53 हजार 837 कार्ड व एएवाई के 2 लाख 47 हजार 850 राशनकार्ड है. प्रदेश में करीब 9 लाख बीपीएल परिवार है, जिनमें 4 लाख 39 हजार 714 सेंट्रल बीपीएल कार्ड व 4 लाख 49 हजार 612 स्टेट बीपीएल कार्ड है.
जानकारी के अनुसार साल 2019 के चुनाव से पहले काफी संख्या में नकली राशन कार्ड बनाए गए थे, जिनकी शिकायतें लगातार विभाग के पास पहुंच रही थी. जिसके बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक की ओर से प्रदेश के सभी खाद्य आपूर्ति नियंत्रकों को राशन कार्ड की जांच के आदेश दिए गए हैं. इसमें केन्द्र सरकार की ओर से तय सेंट्रल बीपीएल व प्रदेश सरकार के सेंट्रल बीपीएल राशन कार्ड की जांच की जाएगी. इसके अलावा अंत्योदय आहार योजना व अन्य प्राथमिकता वाले राशन कार्ड की भी जांच होगी.
साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सर्वे कर एएवाई व ओपीएच राशन कार्ड बनाए गए थे. जिनका ग्रामीण रिकॉर्ड एडीसी कार्यालय और शहरी एरिया का रिकॉर्ड संबंधित नगर पालिका व नगर निगम के पास है. खाद्य आपूर्ति विभाग में आई एक शिकायत में बताया गया है कि दंपति के सरकारी नौकरी में होने के बावजूद भी उन्हें बीपीएल कार्ड का लाभ दिया जा रहा है.
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