हरियाणा के विधायकों को मिली अपने वाहनों पर झंडी लगाने की अनुमति, जानिए क्यों

पंचकूला | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार वीआईपी कल्चर की शुरू से ही विरोधी रही है इसलिए 2017 में उन्होंने वीआईपी कल्चर को खत्म करने का फैसला ले लिया था जिसके चलते सभी गाड़ियों से लालबत्ती व झण्डियां हटवा दी गई थी. परंतु अब उन्ही की पार्टी की खट्टर सरकार द्वारा हरियाणा में इसको फिर से लागू करने के लिए नए उपाय निकाले जा रहे हैं जिसका समाधान भी निकाल लिया गया है. क्योंकि नए तर्क देते हुए कल स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, सीएम मनोहर लाल खट्टर, डिप्टी स्पीकर रणवीर सिंह गंगवा ने विधायकों के लिये महरून रंग की झंडी को लागू करने की आज्ञा दे दी है.

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Haryana CM Manohar Lal

विधायकों के समय की बचत हेतु लिया गया यह फैसला: स्पीकर

सरकार ने इसके पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि विधायकों को कई जगह टोल पर या पुलिस नाकों पर रोका जाता था जिसके चलते उनके समय की बर्बादी होती थी. ऐसे में झंडी लगाने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि उनकी गाड़ियां दूर से ही पहचानी जा सकें एवं उनके समय की अनावश्यक बर्बादी ना हो.  इसलिए यह वीआईपी कल्चर नहीं बल्कि विधायकों की गाड़ियों की पहचान के लिए लिया गया फैसला है . इसके लिए परिवहन विभाग गृह मंत्रालय एवं सीएम से भी अनुमति ले ली गई है.

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केवल वर्तमान विधायक ही कर सकेंगे झंडी का इस्तेमाल: सीएम

उधर सीएम मनोहर लाल खट्टर से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि झंडी का इस्तेमाल केवल वर्तमान समय के विधायक ही कर सकेंगे और यह झंडी केवल उन वाहनों पर लग सकेगी जो विधायक के नाम पंजीकृत हैं परन्तु यदि विधायक के नाम पर कोई पंजीकृत वाहन नहीं है तो वह इसे किराए के वाहन या अन्य गाड़ी में लगवा सकते हैं . परंतु इन सभी स्थितियों में विधायक का गाड़ी में मौजूद होना अनिवार्य है अन्यथा झंडी को कवर करके रखा जाएगा जिससे इसका गलत इस्तेमाल न हो सके . अगर कोई अन्य व्यक्ति विधायक की गाड़ी का इस्तेमाल करता पाया जाता है तो उस पर उचित कार्यवाही की जाएगी. गाड़ियों पर झंडी लगवाने की मांग विधायकों ने ही विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के सामने रखी थी क्योंकि उन्हें अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता था व प्रोटोकॉल का पालन करने में भी उन्हें दिक्कत आती थी.

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