पंचकूला | स्कूली स्तर से ही बच्चों को रोजगार संबंधी शिक्षा देने की तैयारियों में हरियाणा सरकार लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रही है. इसी मिशन के तहत प्रदेश के 112 और सरकारी स्कूलों में छात्रों को वोकेशनल कोर्स की शिक्षा दी जाएगी ताकि युवाओं को उद्यमशीलता के प्रति प्रेरित किया जा सकें. नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को वोकेशनल कोर्स करना उनकी इच्छा पर निर्भर किया गया है तो वहीं 11वीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए कोई एक वोकेशनल कोर्स करना अनिवार्य किया गया है.
स्कूल मुखियाओं को लिखित आदेश जारी
इस संदर्भ में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला परियोजना समन्वयक और स्कूल मुखियाओं को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं. बता दें कि राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क योजना के तहत वर्तमान में 1074 स्कूलों में वोकेशनल कोर्स कराएं जा रहें थे लेकिन अब इनकी संख्या का आंकड़ा बढ़कर 1186 हो गया है. इस वर्ष दो नए वोकेशनल कोर्स शुरू होने पर वोकेशनल कोर्स की संख्या का आंकड़ा 14 हो गया है जिनमें से छात्र अपनी इच्छा अनुसार कोई भी एक कोर्स सेलेक्ट कर सकते हैं.
ये हैं 14 वोकेशनल कोर्स
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने बताया कि छात्रों को उद्यमशील बनाने के लिए इस साल से दो नए वोकेशनल कोर्स शुरू किए जा रहे हैं. अपैरल मेड-अप्स होम फर्निशिग, कंस्ट्रक्शन, ब्यूटी एंड वेलनेस, आइटी, सिक्योरिटी, फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स, ट्रेवल एंड टूरिज्म, पेशेंट केयर असिस्टेंट, एग्रीकल्चर, बैंकिग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस, आटोमोटिव, अपैरल मेड-अप्स होम फर्निशिंग जैसे कोर्स पहले से चल रहे है. इसके अलावा प्लंबिग व पॉवर वोकेशनल कोर्स इस साल से शुरू किए गए हैं.
जारी आदेशों में कहा गया है कि जब तक संबंधित स्कूल में व्यवसायिक टीचर्स कार्यरत नही होते हैं , तब तक प्रधानाध्यापकों को आंतरिक समायोजन के माध्यम से पाठ्यक्रम संचालित करना होगा. प्रधानाध्यापक कोर्स के लिए छात्रों की योग्यता का पता लगाएंगे और प्रत्येक कौशल में कम से कम 40 छात्रों को नामांकित करेंगे. प्रशिक्षु छात्रों को गेस्ट लेक्चर, फील्ड विजिट, आन जाब ट्रेनिंग और इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करना स्कूल प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा.
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