पानीपत में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, अस्पताल में आंखों की सर्जरी के लिए भेजे बिना धार वाले ब्लेड

पानीपत । हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की ओर से बडी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के नेत्र रोग विशेषज्ञों पर मोतियाबिंद की अधिक से अधिक सर्जरी करने का दबाव है. वहीं स्वास्थ्य विभाग सर्जरी के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञों को जो ब्लेड दे रहा है, वह उपयोगी नहीं है.इस ब्लेड का कोई किनारा नहीं है. ऐसे में इन ब्लेड से की गई सर्जरी मरीज की आंखों के लिए घातक साबित हो सकती है. डॉक्टरों ने ब्लेड की जांच कर सर्जरी रोक दी और डिप्टी सिविल सर्जन से शिकायत की.

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उप सिविल सर्जन ने गोदाम अधिकारियों को इसकी सूचना देकर ब्लेड वापस भेज दिए हैं. ब्लेड के अभाव में अस्पताल में 5 दिन से 10 ऑपरेशन ठप हैं. विभाग को 5 दिन पहले 25 ब्लेड सर्जरी के लिए गोदाम से भिजवाए गए थे. इस माह हेपेटाइटिस बी-सी कार्ड व ब्लेड के अभाव में दो बार सर्जरी रोकी जा चुकी है. डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बिजेंद्र हुड्डा का कहना है कि गोदाम से जो ब्लेड आए हैं उनमें कोई धार नहीं है. नेत्र रोग विशेषज्ञों ने लिखा है कि यह ब्लेड सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि मोतियाबिंद की सर्जरी मार्च-अप्रैल के महीने में सबसे ज्यादा होती है.सर्दी के कारण दिसंबर से फरवरी तक सर्जरी की रफ्तार धीमी रहती है.अप्रैल के बाद गर्मी के कारण सर्जरी बंद हो जाती है.मार्च-अप्रैल में संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है, इसलिए ज्यादातर सर्जरी इन्हीं महीनों में होती है.अब ब्लेड न होने के कारण सर्जरी बंद कर दी गई है.

बता दें कि 2021 में मोतियाबिंद सर्जरी के मामले में पानीपत 12वें स्थान पर था. 2021 में सिर्फ 96 लोगों की सर्जरी हो पाई थी.मुख्यालय ने पानीपत के सिविल सर्जन और पीएमओ को मोतियाबिंद की सर्जरी बढ़ाने के सख्त निर्देश दिए थे. मार्च में अब तक 25 लोगों की सर्जरी भी हो चुकी है. अब ब्लेड मिलने के बाद दोबारा ऑपरेशन शुरू किया जा सकेगा.

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पानीपत में इस तरह से स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़ी लापरवाही का मामला बहुत ही गंभीर है, क्योंकि बिना धार वाले ब्लेड से आंखों का ऑपरेशन करना मुमकिन नहीं है.

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