पानीपत | हरियाणा के सीएम मनोहर लाल रविवार को पानीपत में गुरु ब्रह्मानंद गौशाला आहर कुरान के वार्षिकोत्सव समारोह में पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य के आगामी बजट में गौशालाओं के लिए बजट की राशि बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी बजट कम है जिससे गायों की देखभाल में दिक्कत आ रही है ऐसे में आगामी बजट में इस बात का ध्यान रखा जाएगा. इस बजट का बड़ा हिस्सा उन गौशालाओं को दिया जाएगा जिनमें मवेशियों की संख्या अधिक है. इस मौके पर रोहतक सांसद अरविंद शर्मा भी मौजूद रहे.
सीएम ने कहा कि गाय को माता इसलिए माना जाता है क्योंकि इसके प्रति विशेष लगाव होता है. गाय हमारी संस्कृति की प्रतीक है. यह हमारे उन संस्कारों का प्रतीक है जिनके प्रति सभी का विशेष दृष्टिकोण होता है. हालाँकि हम सभी जानवरों के प्रति एक जैसा महसूस नहीं करते हैं लेकिन गाय के प्रति हमारे मन में विशेष श्रद्धा है. हमारी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी ऐसी ही है. भगवान कृष्ण के काल में भी उनकी लीलाओं में गौ माता का अपना स्थान था. हम गाय को अपनी माता मानते हैं. दूध, गोबर, गोमूत्र, दही, घी आदि होने से ही माता नहीं कहलाती.
उन्होंने कहा कि मां मां का ही रूप होती है. तुलसी, गंगा और धरती को हमने माता माना है. ऐसी प्राकृतिक चीजें, जिनके प्रति हमारा विशेष लगाव होता है. जो चीजों को अर्थपूर्ण बनाती हैं उन्हें हम माता कहते हैं. यह दुनिया में कहीं नहीं पाया जाता है. दुनिया में बड़ी मुश्किल से अब उन्हें मां माना जाता है.
गाय आवारा नहीं बेसहारा है
गाय को पहले देश में आवारा भी कहा जाता था,l लेकिन हमने इस शब्द को बदलकर बेसहारा कर दिया. हमने पहल की है कि जहां भी गायें बेसहारा हों उन्हें वहां से गौशाला ले जाया जाए. उनकी सेवा की जाए. इस अभियान में समाज आगे आया है.
हरियाणा में 638 गौशालाएं
सरकार अपनी भूमिका जरूर निभाएगी लेकिन समाज के सहयोग के बिना यह कार्य पूरा नहीं हो सकता. आज हरियाणा में 638 गौशालाएं हैं. इनका रजिस्ट्रेशन अभी शुरू हुआ है. पोर्टल के माध्यम से लगभग 500 गौशालाओं का पंजीकरण किया जा चुका है. इन गौशालाओं में 4 लाख 49 हजार पशुधन हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!