पानीपत | डेरा प्रमुख राम रहीम को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. डेरा प्रमुख की 40 दिन की पैरोल के खिलाफ दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल करने पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली.
याचिका में कहा गया था कि नियमों के मुताबिक पैरोल पाने वाला जहां रहता है वहां के जिलाधिकारी की राय ली जाती है, लेकिन राम रहीम के मामले में इस नियम की अनदेखी की गई.
राम रहीम को नियमों को ताक पर रखकर पैरोल दी
हाई कोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि हरियाणा सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए गुरमीत राम रहीम को यह पैरोल दी है. नियमानुसार जिस जिले में पैरोल रहती है वहां के डीएम से पहले राय ली जाती है, ताकि कानून व्यवस्था की समस्या न हो, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. इससे इस बात की संभावना बनी रहती है कि अपराधी परेल के लिए ऐसी जगह का चुनाव करे जहां उसे आजादी हो.
याचिका में कहा गया था- पंजाब सरकार से राय लेनी चाहिए थी
याचिका में कहा गया था कि इस समय पंजाब में स्थिति बेहद गंभीर है. डेरा प्रमुख का सीधा प्रभाव पंजाब पर पड़ता है. ऐसे में डेरा प्रमुख को पैरोल दिए जाने से पहले पंजाब सरकार से राय लेनी चाहिए थी. पैरोल पर आने के बाद डेरा प्रमुख इंटरनेट मीडिया के जरिए काफी सक्रिय है, जो कानून व्यवस्था बिगाड़ने का कारण बन सकता है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि डेरा प्रमुख को पैरोल देते समय हरियाणा सरकार ने कोई शर्त तक नहीं लगाई. पैरोल के नियमों के मुताबिक स्थानीय थाने को उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए थी और मोबाइल आदि के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, बल्कि डेरा प्रमुख इंटरनेट मीडिया पर गाना गा रहे हैं. कोर्ट से उनके गाने हटाने और पैरोल रद्द करने की मांग की गई थी.
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