पानीपत | हरियाणा के किसान अब हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे हैं. इसका उपयोग कर किसान अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही महिला किसान गुंजन भाटिया के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बिना मिट्टी के टमाटर उगा दिए. इस तकनीक से खेती कर वह लाखों रुपये का मुनाफा कमा रही हैं. पानीपत की किसान गुंजन भाटिया राज्य की पहली महिला किसान हैं जिन्होंने सिर्फ पानी में खेती की है. इंग्लैंड से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद गुंजन ने खेती की ओर रुख किया और खेती की कई तरह की तकनीकों पर सफल प्रयोग किए.
किसान गुंजन भाटिया का शुरु से ही ड्रीम था कि वह लोगों को बिना कीटनाशकों के और सस्ते में अच्छी सब्जियां उपलब्ध कराएंगी. हाइड्रोपोनिक तकनीक में किसी भी तरह के कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इस तकनीक से सब्जियों की पैदावार भूमिगत खेती की तुलना में अधिक होगी.
क्या है हाइड्रोपोनिक तकनीक
हाइड्रोपोनिक्स एक ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता बिना मिट्टी के केवल पानी से खेती करना. इसमें वातानुकूलित पॉलीहाउस में पौधों को एक लंबी लाइन वाले पानी के चैंबर में छोटे छेद वाले गमलों में लगाया जाता है. पौधे को सहारा देने के लिए पानी सोखने वाले छोटे- छोटे कंकड़ भी गमले में डाले जाते हैं.
जब पौधा पानी से सारे पोषक तत्व सोख लेता है तो उस पानी को फिर से आरओ के माध्यम से फिल्टर करके उपयोग में लाया जा सकता है, जिससे पानी की खपत भी ज्यादा नहीं होती है. एक पौधे से एक सीजन में 14 से 15 किलो टमाटर का उत्पादन होता है. हर महीने एक एकड़ से 14,000 किलो टमाटर पैदा होते हैं.
6- 7 महीने तक चलती है फसल
किसान गुंजन ने बताया कि इस तकनीक से जमीन पर उगे पौधे से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. गुंजन ने अभी सिर्फ 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाई है और इस यूनिट में उन्होंने सिर्फ टमाटर की खेती की है. आमतौर पर फसल 3- 4 महीने तक चलती है, लेकिन इस तकनीक से फसल लगभग 6 से 7 महीने तक चलती है.
यूनिट में स्वचालित तापमान और आर्द्रता नियंत्रण है. तापमान जांचने के लिए पॉलीहाउस में जगह- जगह थर्मामीटर लगाए गए हैं. तापमान को नियंत्रित करने के लिए सेंसर और मास्टर कंट्रोलर भी लगाए गए हैं.
जिले में पहली इकाई
यह पानीपत की पहली हाइड्रोपोनिक यूनिट है, जहां सब्जियों का उत्पादन शुरू हो गया है. पानीपत की पहली हाइड्रोपोनिक यूनिट का निर्माण कार्य दिसंबर 2022 में पूरा हुआ. जिसके बाद, इसमें सबसे पहले टमाटर लगाया गया.
100 से अधिक महिलाओं को दिया हुआ है रोजगार
गुंजन भाटिया का कहना है कि हाइड्रोपोनिक यूनिट स्थापित करने से पहले उन्होंने सोचा था कि वह कटाई से लेकर उत्पादन तक यूनिट में काम करने के लिए पुरुषों को नहीं बल्कि महिलाओं को नियुक्त करेंगी. गुंजन की इस यूनिट में आज 100 से ज्यादा महिलाएं काम करती हैं.
गुंजन की अधिकारी भी करते हैं सराहना
पानीपत के बागवानी अधिकारी शार्दुल शंकर ने बताया कि 1 एकड़ तक की हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाने की मंजूरी हरियाणा बागवानी विभाग द्वारा दी जाती है. हाइड्रोपोनिक यूनिट पर सरकार द्वारा 35 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाती है जबकि 1 एकड़ से अधिक की मंजूरी राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा दी जाती है. बताया कि गुंजन भाटिया राज्य की पहली महिला किसान हैं, जिन्होंने 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट स्थापित की है.
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