पानीपत का किसान तरबूजों की ऑर्गेनिक खेती के लिए हुआ फेमस, 6 किस्म के विदेशी तरबूज की खासियत यहाँ

पानीपत | गर्मी के मौसम में तरबूज आसानी से देखे जा सकते हैं, जिनका आम रंग हरा होता है और अंदर से लाल होते हैं लेकिन आज के आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप सभी के होश उड़ जाएंगे. जी हां, पानीपत के एक किसान ने विशेष रंगों वाले तरबूज उगाए हैं जो बाहर से पीले और अंदर से लाल होते हैं या फिर बाहर से हरे और अंदर से पीले होते हैं. आइए विस्तार से जानें…

Panipat Kisan Ram Pratap

दरअसल, सिवाह गांव के किसान राम प्रताप ताइवान और थाइलैंड की नस्ल के तरबूज की खेती करते हैं और इन तरबूजों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. उनके पास पहले से ही 3 किस्मों के तरबूज उगते थे. इस सीजन में वे थाइलैंड की तीन और किस्में भी उगा रहे हैं. इन तरबूजों की बाजार में अलग-अलग कीमतें उपलब्ध हैं.

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तरबूजों की कीमत

नए रंगीन तरबूजों की कीमत बाजार में प्रति किलो ₹50 है. यहां तक कि किसान राम प्रताप ने इस सीजन तीन नई किस्में उगाई हैं, जिनके नाम लो मंच, ऑरेंज मंच और 24 कैरेट गोल्ड हैं. ऑरेंज मंच बाहर से हरा है और अंदर से नारंगी, येलो मंच अंदर से पीला है और बाहर से हरा है. 24 कैरेट गोल्ड अंदर से और बाहर से दोनों ही पीले हैं. इन तरबूजों की कीमत बाजार में प्रति किलो ₹50 है.

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तरबूजों से हुआ मुनाफा

सामान्य तरबूज के बीज की बाजार में कीमत 25 से 30 हजार रुपए प्रति किलो होती है जबकि इन यूनिक तरबूजों के बीजों की कीमत एक से डेढ़ लाख तक होती है. रामप्रताप ने बताया कि इन तरबूजों की खेती के लिए उन्होंने 1 लाख रुपए प्रति किलो की कीमत पर उनके बीज खरीदे थे. उसके बाद, उन्होंने 1 एकड़ जमीन में इन बीजों की खेती की, जिससे उन्हें 1 एकड़ के लगभग 4 लाख रुपए तक का मुनाफा हुआ.

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ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं किसानी

रामप्रताप की खेती को देखकर इजरायल से आए एक डेलीगेशन ने उन्हें सम्मानित किया है. रामप्रताप अपने खेत में फल और सब्जियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं और इसके लिए लोग दूर- दूर से सब्जियां खरीदने आते हैं. वे बाजार में अपने उत्पादों को बेचने की बजाय लोगों को अपने पास आने की व्यवस्था करते हैं. वो अपने फल और सब्जियों की देखभाल में अधिकांश समय बिताते हैं और दूसरे किसानों को यह सलाह देते हैं कि ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर नए और आधुनिक तरीकों को अपनाएं.

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