पानीपत | हरियाणा के पानीपत में स्थित इंडियन ऑयल की रिफाइनरी के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है. इस रिफाइनरी में ग्रीन जेट फ्यूल बनाया जाएगा जो कि एल्कोहल टू जेट टेक का इस्तेमाल होगा. यह कम प्रदूषण वाला जेट ईंधन होता है, जिसमें मक्का, खाने के तेल के बीज, लकड़ी के मिल के वेस्ट के साथ पेट्रोलियम प्रोडक्ट को मिलाकर तैयार किया जाता है.
इस जेट ईंधन की विशेषता यह होगी कि इसमें कम कार्बन उत्सर्जन होता है. इसके तहत, देश में पहली बार एविएशन क्षेत्र की एक ऐसी कंपनी बनेगी जो ग्रीन एविएशन ईंधन का उत्पादन करेगी. इसके लिए Indian Oil, अमेरिकी कंपनी लांजा जेट मिलकर एक प्लांट लगाएगी. यह प्लांट पानीपत स्थित रिफाइनरी में ही लगाया जाएगा. जिसपर 3 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस प्लांट में भारतीय एयरलाइंस कंपनियों की भी हिस्सेदारी होगी. नए प्लांट में ऐल्कोहॉल टू जेट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एयरलाइंस के लिए ग्रीन ईंधन बनाया जाएगा.
प्लांट में 50 प्रतिशत शेयर Indian Oil का होगा और 25 प्रतिशत शेयर अमेरिका की कंपनी लैंजाजेट इंक का होगा बाकी 25 प्रतिशत शेयर एयरलाइंस कंपनी के समूह का होगा. इस प्लांट से एक साल में 85 हजार मीट्रिक टन फ्यूल उत्पादन की तैयारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 से पहले फ्यूल तैयार किया जा सकेगा.
पहले से एथनॉल बना रही है रिफाइनरी
पानीपत रिफाइनरी में पहले से ही एथनॉल का उत्पादन हो रहा है. अब एथनॉल में पांच प्रतिशत अलग से केमिकल मिलाया जाएगा. इससे सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) बनाया जाएगा. दरअसल, यूरोपीय देशों में 2025 से एसएएफ प्रयोग करने वाले जहाज लैंड हो सकेंगे.
ऐसे में एसएएफ बनाने के लिए इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी आगे आई है. रिफाइनरी के एक अधिकारी ने बताया कि इसको जहाज के ऑयल में प्रयोग किया जाएगा. इससे कार्बन उत्सर्जन में 50% तक की कमी आएगी.
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