खुशखबरी: शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनेंगे क्लर्क, निदेशालय ने मांगे केस

पानीपत । प्रमोशन की राह देख रहे शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें क्लर्क की पोस्ट पर प्रमोशन देने की तैयारियां तेज हो गई है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी डीईओ, डीईईओ, डॉट व बाइट प्राचार्य, निदेशक SCERT गुरुग्राम को पत्र लिखकर क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का क्लर्क की पोस्ट पर प्रमोशन हेतु मामले मांगे गए हैं.

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निदेशालय के पत्र के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालयों में क्लर्कों की काफी पोस्ट प्रमोशन कोटे से खाली पड़ी है. ऐसे में अपने जिलें में अपने अधीनस्थ कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रमोशन हेतु मामले भेजें जाए. जिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति एक जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2010 तक हुई है और जो विभागीय शर्तों को पूरा करते होंगे, उन्हीं कर्मचारियों को इस पदोन्नति का लाभ मिलेगा. निदेशालय ने अधिकारियों को उक्त पदोन्नति मामले 28 फरवरी तक भेजने के आदेश दिए हैं.

निदेशालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जो मामले पदोन्नति को लेकर भेजें, उनकी वरिष्ठता पदोन्नति जहां से गिनी जानी है, उस तारीख का स्पष्ट वर्णन किया जाएं. साथ ही अधिकारियों को शपथपत्र दाखिल करना होगा कि उनके जिलें में इसके अलावा और कोई केस लंबित नहीं है. अधूरे मामले को स्वीकृति नहीं दी जाएगी.

निदेशालय ने लिखा है कि उक्त अवधि से पहले का मामला यदि नियमानुसार शर्तें पूरी करता है तो उसका पूरा विवरण अपनी टिप्पणी अंकित करते हुए निर्धारित तिथि तक भेजें. यदि कर्मचारी की तबादला उपरांत नियुक्ति की तिथि में किसी प्रकार की भिन्नता पाई जाती है या कोई अभियोग पैदा होता है तो इसके लिए अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे. साथ ही स्पष्टीकरण दिया गया है कि यदि पदोन्नति मामले निर्धारित अवधि में नहीं भेजे जाते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु मामला महानिदेशक के संज्ञान में लाया जाएगा.

प्रफोर्मा भरकर भेजना होगा

स्कूल शिक्षा निदेशालय ने पदोन्नति मामलों हेतू प्रफोर्मा भेजे हैं जो अधिकारियों को भरकर भेजने होंगे. इसमें कर्मचारी के खिलाफ किसी तरह की जांच शिकायत लंबित न होने, किसी प्रकार की न्यायालय एवं पुलिस कार्रवाई इत्यादि लंबित न होने, कर्मचारी के खिलाफ नियम-7 व 8 की कार्रवाई लंबित न होने का प्रमाण-पत्र पत्र संलग्न करके भेजना होगा. वहीं कर्मचारी का पिछले 10 सालों का सेवा रिकॉर्ड सही होने के साथ चाल- चलन व काम करने का तरीका संतोषजनक होना चाहिए. इसके साथ ही कर्मचारी पदोन्नति सेवा नियम 1988 की शर्तें पूर्ण करता हो.

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