पानीपत | हरियाणा- पंजाब में धान फसल की कटाई के बाद पराली (Stubble) प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. मजबूरी में किसान पराली में आग लगाते हैं, तो प्रदुषण का स्तर बढ़ जाता है और ऊपर से सरकार केस दर्ज करने के साथ- साथ जुर्माना भी वसूल करती है, लेकिन अब किसानों को पराली की समस्या से छुटकारा मिलने जा रहा है.
किसानों को होगी आमदनी
पानीपत जिले के समालखा क्षेत्र में एक जागरूक किसान नेलाखों रुपये खर्च कर एक ऐसा बेहतरीन प्रोजेक्ट तैयार किया है, जो न केवल किसानों को पराली जलाने पर होने वाले मुकदमे और जुर्माने से बचाएगा. साथ ही, किसानों की आमदनी में भी इजाफा करेगा.
अच्छे मुनाफे पर पराली की बिक्री
चुलकाना रोड स्थित मान फार्म हाउस के मालिक ब्रह्म प्रकाश मान ने धान की पराली को इक्कठा कर बेचने का बिजनेस मॉडल तैयार किया है. लाखों रुपये खर्च करके आधुनिक मशीनें खरीदी हैं, जो खेत में धान के अवशेषों को एकत्रित कर 30- 30 किलो की गांठें बनाकर एक खेत में स्टोर करती है, जिसे जरूरतमंद कंपनियों को अच्छे मुनाफे पर बेचा जाएगा.
करीब 300 एकड़ के जमींदार ब्रह्म प्रकाश मान ने बताया कि आधुनिक मशीनों से तैयार गांठों को ट्रैक्टर- ट्राली में भरकर गवालड़ा गांव के खेतों में इकट्ठा किया जा रहा है. इसमें 10 से ज्यादा लोगों को साथ ही रोजगार भी मिल रहा है. इस बार 2 हजार एकड़ से पराली इक्कठा करने का लक्ष्य रखा गया है.
धरती की उर्वरा शक्ति को बचाएं: मान
उन्होंने बताया कि पराली खरीदने के लिए कई बड़ी- बड़ी कंपनियों के आफर आ चुके हैं. यह उनका पहला प्रयास है, अगर प्रयोग सफल रहा तो अगले साल बड़े स्तर पर इस काम को छेड़ा जाएगा. किसान ब्रह्म प्रकाश मान ने कहा कि पराली जलाने से धरती की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है. ऐसे में किसान साथी पराली की गांठें बनवाकर आमदनी कर सकते हैं. पराली की गांठें बनवाने के लिए हरियाणा सरकार 1 हजार रूपए प्रति एकड़ आर्थिक मदद दे रही है.
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