पानीपत | यमुना नदी में पानी का जल स्तर कम होने के बावजूद भी हरियाणा दिल्ली को पूरा पानी दें रहा है. इस तरह हरियाणा खुद प्यासा रहकर दिल्ली के लिए पूरा पानी छोड़ रहा है. दूसरी ओर दिल्ली सरकार की ओर से अब भी पानी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है. दरअसल मानसून की दस्तक के बावजूद नदियों खासकर यमुना में पानी का जल स्तर सामान्य से भी कम हैं . हथिनीकुंड बैराज पर भी इसी तरह की स्थिति देखी जा सकती है.
हालांकि पहाड़ों पर जोरदार बारिश के चलते 13 जुलाई को हथिनीकुंड बैराज पर जरुर पानी का स्तर 60 हजार क्यूसेक पार कर गया था लेकिन इन दिनों आंकड़ा 11-12 हजार क्यूसेक के बीच ही अटका हुआ है. शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज पर 11 हजार 960 क्यूसेक पानी का बहाव था. 9672 क्यूसेक पानी पश्चिमी यमुना नहर में रिलीज किया गया. इसमें 1131 क्यूसेक दिल्ली का हिस्सा शामिल हैं.
वहीं उतरी यमुना नहर की बात की जाए तो बृहस्पतिवार तक 1802 क्यूसेक पानी का बहाव रहा. यूपी और हरियाणा के बीचोबीच बहने वाली यमुना नदी में कुल 352 क्यूसेक पानी का बहाव था. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली व दक्षिण हरियाणा के लिए पानी का बंटवारा करनाल के मूनक हेड से तय होता है. हथिनीकुंड बैराज से तो केवल पानी को विभिन्न नदियों में डायवर्ट किया जाता है.
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता बढ़ाकर अब 17,630 क्यूसेक कर दी है. लेकिन फिलहाल नौ हजार क्यूसेक के आसपास ही पानी का बहाव चल रहा है. आवर्धन नहर की चौड़ाईकरण के काम के चलते हमीदा हेड से पानी की सप्लाई रुकी हुई है. अधिकारियों के मुताबिक 30 जुलाई के बाद इस नहर में पानी छोड़ा जा सकता है.
50 हजार क्यूसेक पार करने पर नहरों की सप्लाई बंद
यमुना नदी का जलस्तर 50 हजार क्यूसेक पार करने के बाद पश्चिमी यमुना नहर, उतरी यमुना नहर व आवर्धन नहर की सप्लाई बंद कर दी जाती है. पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के बाद शिल्ट व लकड़ियां पानी के साथ बहकर आती है और ये नहरों पर लगी बिजली इकाइयों के लिए ख़तरनाक साबित होती है. इसलिए नहरों की सप्लाई रोक कर नदियों में पानी छोड़ा जाता है.
दैनिक आवश्यकता अनुसार होता है पानी की उपलब्धता का निर्धारण
करनाल में यमुना वाटर सर्किल सर्विस के एक्सईन संजय राहर ने बताया कि मूनक हेड से प्रतिदिन अगले डेस्टीनेशन के लिए दैनिक आवश्यकता के आधार पर पानी उपलब्धता का निर्धारण किया जाता है. इस आधार पर शुक्रवार को दिल्ली- फरीदाबाद की दिशा में जाने वाली नहर में पानीपत- रोहतक के लिए मांगी गई आवश्यकता के आधार पर 10,900 क्यूसेक पानी दिया गया है.जबकि हांसी ब्रांच नहर के जरिए हिसार व दक्षिण हरियाणा के अन्य जिलों के लिए आवश्यकता के आधार पर 5200 क्यूसेक पानी मुहैया कराया गया है. उन्होंने बताया कि जहां तक राज्यों के स्तर पर पानी के बंटवारे की बात है तो यह चंडीगढ़ में बैठने वाले एक्सईएन- रेग्यूलेशन तय करते हैं.
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