पानीपत | हरियाणा के जिला पानीपत के उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने जिला सचिवालय में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कॉरिडोर को लेकर अधिकारियों से चर्चा की और हर पहलू पर बात की. बैठक में कई ग्राम पंचायतों के सरपंच भी मौजूद रहे. रेल मंत्रालय ने हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का काम नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दिया है.
320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड प्रस्तावित
इस दौरान, डीसी ने बताया कि दिल्ली- अमृतसर के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसकी लंबाई करीब 474.772 किलोमीटर होगी, जबकि पानीपत में इसकी लंबाई करीब 31.74 किलोमीटर होगी. इस प्रोजेक्ट के तहत 22 गांव आएंगे. इसके लागू होने के बाद दिल्ली- चंडीगढ़- अमृतसर कॉरिडोर प्राथमिक कॉरिडोर बन जाएगा. इसमें बुलेट ट्रेन के लिए 55 फीट चौड़ा रेलवे ट्रैक होगा, जिसपर 320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड प्रस्तावित की गई है. इस कॉरिडोर के बनने के बाद अमृतसर और दिल्ली के बीच यात्रा का समय पांच से घटकर दो घंटे होने की उम्मीद है.
उपायुक्त ने सरपंचों से कहा कि देश के विकास के लिए यदि हमें अपने हितों की बलि भी देनी पड़े तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाई स्पीड ट्रेन के परिचालन से जहां लंबी दूरी की यात्रा आसान होगी, वहीं क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी. इस पायलट प्रोजेक्ट को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा.
परियोजना में 22 गांव शामिल
जिले में परियोजना की लंबाई 31.74 किलोमीटर है. इसमें जिले के 22 गांव परियोजना के अंतर्गत आते हैं. कुल प्रभावित क्षेत्र 62.33 हेक्टेयर है, इसका क्षेत्रफल तीन तहसीलों का है. इस कॉरिडोर के चालू होने के बाद दिल्ली से चंडीगढ़ और अमृतसर तक यात्रा का समय कम हो जाएगा.
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