पानीपत | हरियाणा ट्रैफिक पुलिस के हत्थे एक ऐसी बस चढ़ी है, जो सड़क पर सवारियों को मौत का सफर करवा रही थी. जी हां, एक बस में 147 सवारियां भेड़- बकरियों की तरह भरी हुई थी. इस बस को आप चलता- फिरता गांव भी कह सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस ने बस के भीतर का नजारा देखा तो एक पल के लिए उनके भी होश उड़ गए.
इतना ही नहीं, इस बस में 147 सवारियों के साथ 10 मकान की चौखट, एक अलमारी, 2 बाइक, साइकिल, पानी, खाना, घर के हर समान के दर्जनों लगेज मिलें. इस बस में 49 बच्चे, जो भीड़ की वजह से चिल्ला रहें थे और 98 पुरुष और महिलाएं मौजूद थे. बस ऐसी खचाखच भरी हुई थी कि तिल रखने को भी जगह नहीं बची थी.
ट्रैफिक पुलिस के होश उड़े
अवैध रूप से सवारियों को लेकर जा रही यह बस पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए पानीपत तक आ पहुंची. यहां ट्रैफिक इंचार्ज रणबीर मान की नजर जब इस बस पर पड़ी तो उन्होंने 2 किलोमीटर तक पीछा करते हुए गोहाना रोड पर इस बस को काबू किया. जब उन्होंने बस को रूकवाकर खाली करवाया तो सबके होश उड़ गए. बस से सवारियां नीचे उतरने में करीब 30 मिनट का समय लग गया. सड़क पर सवारियां ही सवारियां नजर आ रही थी.
46 हजार का चालान
ट्रैफिक इंचार्ज रणबीर मान ने बताया कि बस में 98 पुरुष- महिलाएं और 49 बच्चों समेत कुल 147 सवारियां बैठी हुई थी. यातायात नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाने और सैकड़ों लोगों की जान का रिस्क लेकर सफर कर रही इस बस का 46 हजार रुपए का चालान काटा गया है.
उन्होंने बताया कि बस ड्राइवर के पास लाइसेंस और आरसी कुछ भी नहीं था और बस की हाइट भी सामान्य से बहुत ज्यादा थी. वहीं, बस ड्राइवर से रूट की जानकारी मांगी गई तो उसने बताया कि यह पंजाब के अमृतसर से चलकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पहुंचनी थी.
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