पानीपत | उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वालों का कनेक्शन पानीपत से जुड़ते ही यहां की खुफिया एजेंसी हरकत में आ गई. यूपी और हरियाणा पुलिस का अलर्ट जारी है क्योंकि इस दोहरे हत्याकांड में गोली चलाने वाले आरोपियों में एक आरोपी अरुण मौर्या है जो पानीपत के विकास नगर का रहने वाला है जिसका जन्म भी पानीपत में हुआ था. केवल 10वीं पास 18 वर्षीय अरुण मौर्य के खिलाफ पानीपत में दो मामले दर्ज हैं.
इसमें एक मामला अवैध पिस्टल के साथ पकड़े जाने और दूसरा मामला एक गांव में मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने का है. अरुण मौर्य का आपराधिक बैकग्राउंड पानीपत से ही शुरू हो गया था. इसके बाद, उसे अपराध की दुनिया के कई बड़े चेहरे जेल में मिले. यहीं से अरुण ने भी अपराध की दुनिया में नाम कमाने और बड़े- बड़े कांड करने की ठान ली थी.
1988 में परिवार आया था पानीपत
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मथुरा प्रसाद यूपी के जिला कासगंज के गांव कादरवाड़ी से परिवार समेत 1988 को पानीपत आया था. यहां वह विकास नगर में किराए के मकान में रहने लगा. मथुरा प्रसाद अपने बेटों दीपक और सुनील के साथ मेहनत करने लगे. सबने मेहनत करके 1995 में अपना घर बनवा लिया मथुरा प्रसाद अरुण मौर्य के दादा हैं. अरुण मौर्य कई सालों से अपने भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पानीपत में रह रहा है.
गांव में उसका आना- जाना भी कम होता है. अभी छह महीने पहले पानीपत में उसका किसी से झगड़ा हो गया था. जिसके बाद, वह यूपी चला गया और वहां अपने चाचा- चाची के साथ रहने लगा. उसने मामा- मामी के घर के अलावा यूपी में कई ठिकाने बना रखे हैं.
हथियार 3 हजार में था खरीदा
अरुण के पिता दीपक अपनी पत्नी केला और छोटे बेटे अनिकेत और बेटी सपना के साथ 8 साल पहले अपने पैतृक गांव कादरवाड़ी जिला कासगंज यूपी चला गया थे जबकि अरुण मौर्य अपने चाचा और दादा के साथ पानीपत में रहने लगा. पानीपत की सीआईए- 2 पुलिस ने आरोपी अरुण मौर्य को 4 फरवरी 2022 को सेक्टर 25 स्थित शराब के ठेके के पास से अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने बताया था कि उसे हथियार रखने का शौक था जिसे पूरा करने के लिए उसने हथियार खरीदे थे. फिर उसे जेल भेज दिया गया था.
जेल से आने के बाद फिर से की मारपीट
छह माह पहले जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद उसने पानीपत में एक युवक से मारपीट की और फिर यूपी के कासगंज भाग गया. उस समय उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था. इसके बाद, वो फिर पानीपत आ गया. यहां वह अपने चाचा के साथ कुटनी रोड स्थित एक फैक्ट्री में काम करने लगा. वह बीते रविवार को अपने दोस्त की शादी में शामिल होने के बहाने दिल्ली गया था. इसके बाद, उसका मोबाइल बंद आ रहा था.
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