फरारी कार से भी महंगा हैं पानीपत का भैंसा बादल, हर साल कमाता है 25 लाख रुपए

पानीपत । कहते हैं शौक से बड़ी कोई चीज नहीं होती है और यदि यही शौक आमदनी का माध्यम भी बन जाए तो फिर बात ही अलग हो जाती है. पानीपत जिले के गांव बड़ोली निवासी पशुपालक रविन्द्र को भी एक ऐसा ही शौक पाला, जिसके जरिए आज उसकी वार्षिक आय 20 से 25 लाख रुपए तक है. बता दें कि रविन्द्र के पास मुर्रा नस्ल का भैंसा है जिसका नाम बादल है. भैंसा बादल की बदौलत रविन्द्र का नाम आज देशभर में ख्याति प्राप्त कर रहा है.

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पशुपालक रविन्द्र ने बताया कि शुरुआत में उसने शौक के तौर पर ये भैंसा पाला था लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ा हुआ तो कद-काठी व सुंदरता के मामले में औरों से अलग दिखने लगा. इसे देखते हुए बादल को स्पेशल खुराक देना शुरू कर दिया. बात भैंसें बादल की खुराक की करें तो हरे चारे के अलावा ये भैंसा दिन में लगभग 15 लीटर दूध पीता है. इसके अलावा इसे दिन में 20 किलों गाजर खाने को दी जाती है. सप्ताह में एक दिन इसे स्पेशल देशी घी पिलाया जाता है. अपनी खूबियों की बदौलत आज बादल की गिनती चैंपियन में होती है.

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रविन्द्र बताते हैं कि इस भैंसें की खुराक पर वो रोजाना हजार रुपए खर्च करते हैं. रविन्द्र भैंसें बादल के सीमन को 200 रुपए में बेचते हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ बादल के सीमन से ही हर महीने दो से ढाई लाख रुपए की कमाई हो जाती है. दूर-दराज से किसान इसे देखने आते हैं, ताकि वो बादल का सीमन खरीद कर अपने पशुओं की नस्ल को सुधार सके. वैसे भी हरियाणा की मुर्रा नस्ल को काला सोना के नाम से जाना जाता है.

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रविन्द्र ने बताया कि शरीर की सुंदरता के लिए हर रोज सुबह-शाम इस भैंसे की सरसों के तेल से मालिश की जाती है. इसकी देखरेख के लिए दो लोगों को अलग से नौकरी पर रखा हुआ है. ये भैंसा दर्जनभर प्रतियोगिताओं को जीत चुका है. हाल ही में पंजाब में हुई प्रतियोगिता में बादल ने दूसरे स्थान पर रहकर 5 लाख रुपये का इनाम जीता.

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उन्होंने बताया कि 6 फीट लंबे इस भैंसें बादल को खरीदने के लिए दूसरे पशुपालक 10 करोड़ रुपए कीमत लगा चुके हैं लेकिन वह इसे बेचना नहीं चाहते. रविन्द्र ने कहा कि भैंसें बादल के प्रति उनका परिवार के सदस्यों की तरह लगाव हो गया है. पानीपत में मुर्रा नस्ल का भैंसा बादल इस वक्त आकृषण का केंद्र बना हुआ है.

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