पानीपत के तरबूज देखकर मुंह में आ जाएगा पानी, बाहर से हरे अंदर से पीले… अजब गजब है स्वाद

चंडीगढ़ | आमतौर पर कहा जाता है कि तरबूज- खरबूजे को देखकर रंग बदलता है लेकिन पानीपत के तरबूजों की कहानी कुछ और ही बयां करती है. खैर गर्मी में तरबूज खाना तो सबको पसंद है, यह शरीर में पानी की कमी को दूर कर देता है. इन्हें देखकर एक तरफ मुंह में पानी आ जाता है तो दूसरी ओर बार- बार खाने का मन करता है.

watermelon tarbooz

दरअसल, गर्मी के मौसम में तरबूज सभी जगह आसानी से देखने को मिल जाता है. सड़कों पर या बाजारों पर रेड़ियों पर तरबूज रखे हुए होते हैं. खैर आपने खाये भी खूब होंगे लेकिन क्या आपने कभी ऐसा तरबूज खाया है जो बाहर से पीला हो और अंदर से लाल हो. जो बाहर से हरा हो और अंदर से पीला हो. पानीपत में ऐसे तरबूज आपको खाने के लिए आसानी से मिल जाएंगे.

हालांकि, पानीपत में ताइवान नस्ल के तरबूज भी आप को खूब चखने को मिलेंगे. गांव सीवाह के किसान राम प्रताप के तरबूज के लोग दीवाने हैं. इन दिनों उसके तरबूजों की क्षेत्र में लागातार डिमांड बढ़ती जा रही है. किसान रामप्रताप ने उन तरबूजों की वैराइटी के बारे में बताया कि यहां पहले तीन किस्म के तरबूज उगते थे और इस सीजन में तीन थाईलैंड की नस्लों के तरबूज का इजाफा किया है. इन तरबूजों की बाजार में कीमत भी अलग- अलग मिलती है.

यहां क्या हैं तरबूजों की कीमत

किसान ने बताया कि यहां सामान्य तरबूज की तरह दिखने वाले तरबूज की कीमत 30 रुपये किलो है. अंदर से पीला व बाहर से हरा दिखने वाला तरबूज 50 रुपये किलो है. यहां के तरबूज एकदम ताजा व खाने में स्वादिष्ट होते हैं.

तीन किस्म के तरबूजों के क्या रखे हैं नाम

पानीपत में इस सीजन में राम प्रताप ने तरबूज की 3 नई किस्म उगाई हैं. जिनका नाम येलो मंच, ऑरेंज मंच और 24 कैरेट गोल्ड रखा है. ऑरेंज मंच बाहर से हरा और अंदर से नारंगी है. येलो मंच अंदर से पीला और बाहर से हरा है. वहीं, 24 कैरेट गोल्ड अंदर से भी पीला और बाहर से भी पीला है, जिनकी कीमत बाजार में 50 रुपये प्रति किलो है.

लाइवानी किस्म के बीज लगाकर किया ट्रायल

किसान राम प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2019 में उन्होंने खेत में ताइवानी नस्ल के बीज लगाए थे और उनका ट्रायल एकदम सफल रहा था. वहीं इजराइल के एक संगठन ने उनकी खेती से खुश होकर उन्हें सम्मानित भी किया. रामप्रताप ने बताया कि इन तरबूजों की खेती के लिए उन्होंने करीब 1 लाख प्रति किलो की दर से इसके बीज खरीदे और फिर 1 एकड़ की खेती की. जिसके बाद, उन्हें 4 लाख प्रति एकड़ तक का मुनाफा हुआ. मुख्य बाजार में नॉर्मल तरबूज के बीज की कीमत 25 से 30 हजार रुपए प्रतिकिलो है.

जैविक खेती से उगाई जाती है सब्जियां

किसान रामप्रताप ने बताया कि वह उसके खेत में ऑर्गनिक तरीके से सब्जियां भी उगाता है. इसके साथ ही, फल भी उगाता है और दूर- दूर से लोग उनके पास सब्जियां खरीदने भी आते हैं. वह कभी भी अपने फल- सब्जी बेचने बाजार मंडियों में नहीं जाता बल्कि लोग खुद उनके पास आते हैं और फल- सब्जी खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि वह अपना ज्यादातर समय अपने फलों और सब्जियों की देखभाल में लगाते हैं और वह अन्य किसानों को सलाह देते हैं कि वे पारंपरिक खेती छोड़कर कुछ नया सोचें. मेहनत जरूर अधिक होगी लेकिन लाभ भी अधिक होगा.

आस पास के किसानों को देते हैं ट्रेनिंग

किसान रामप्रताप का कहना है कि वह अपने आसपास के किसानों को समय समय पर ऑर्गनिक खेती की ट्रेनिंग देते हैं. उनसे ट्रेनिंग लेकर काफी किसान अब आस पास के क्षेत्र के ऑर्गनिक तरीके से खेती कर रहे हैं. फल, सब्जियां व अन्य किस्म की फसलें उगा रहे हैं. यहां तक कि कुछ किसान अब सरसों व गेहूं की खेती भी ऑर्गनिक तरीके से करने लगे हैं.

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