पानीपत । राज्य सरकार के हरियाणा के सभी थर्मल प्लांट समय बंद हो चुके हैं. कारण केवल यही है कि कहीं भी, बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है. अब मांग के मुताबिक सप्लाई बाहर से हो रही है. जिसमें प्राइवेट कंपनियों से लेकर सेंट्रल प्लांटों में राज्य का योगदान भी शामिल है. अगर बात अब की करें, तो मौसम बेहतर है और बिजली की खपत भी पहले से कम हो चुकी है.
बंद यूनिट में, पानीपत प्लांट भी हुए शामिल
इस कारण से,बिजली निगम ने प्रदेश के थर्मल की सभी सातों यूनिट को बंद कर दिया है. बंद किए जाने वाले यूनिट में पानीपत प्लांट की 3 यूनिट, हिसार व यमुनानगर की दो- दो यूनिट भी शामिल है. राज्य ने इस मौसम में, लगभग 6300 मेगावाट बिजली की मांग की है. आज के समय में, राज्य सरकार के पास हरियाणा के थर्मल प्लांटों और बाहर से प्राप्त होने वाली को टोटल 11 हज़ार नौ सौ अड़तालिस मेगावाट इंस्टॉल की कैपेबिलिटी है.
रणजीत सिंह, बिजली मंत्री से बातचीत
रणजीत सिंह, बिजली मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि ज्यादातर यूनिट इस समय बंद पड़ी हैं. कारण केवल यही बताया जा रहा है कि अभी डिमांड कम है. हमारे पास लगभग 12 हजार मेगावॉट की क्षमता है. बिजली की कहीं कोई परेशानी नहीं है.
प्रदेश में बिजली की हालत
- हरियाणा में 11948 मेगावॉट बिजली इंस्टॉल की कैपेबिलिटी है. इसमें 2582 मेगावॉट का उत्पादन हरियाणा के थर्मल प्लांटों की सहायता से ही होता है.
- इसके अतिरिक्त आठ सौ 46 मेगावॉट भाखड़ा नंगल डैम द्वारा प्राप्त की जाती है.
- 3020 मेगावॉट सेंट्रल पावर शेयर यूनिट से आता है. 5500 मेगावॉट बिजली प्राइवेट कंपनियों के द्वारा हरियाणा खरीद कर रह है.
- अभी के समय के अनुसार 7200 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता है. उत्पादन से सस्ती बिजली निजी कंपनियों से ख़रीद करने पर सरकार को पड़ती है.