पानीपत | हरियाणा सहित देशभर में बासमती धान निर्यातकों की हड़ताल ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खराब मौसम और ऊपर से धान की खरीद बंद होने से किसानों के सामने दोहरी समस्या आन खड़ी हो गई है. प्रदेश की मंडियों में करीब 1 करोड़ क्विंटल धान पड़ा होने का अनुमान है. इसके पीछे की बड़ी वजह केंद्र सरकार की ओर से बासमती धान निर्यात के रेट (Dhan Ka Bhav) यानि न्यूनतम निर्यात मूल्य का एकाएक बढ़ाया जाना है. सरकार ने इसका रेट 1200 डॉलर कर दिया है, जबकि पहले 800 से 850 डॉलर प्रति टन था.
निर्यातकों का कहना है कि करीब 2 महीने पहले इस विषय में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में मजबूर होकर धान खरीद बंद करने का फैसला लेना पड़ा है जिससे धान के भाव में भी खासी गिरावट दर्ज हुई है.
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फिलहाल, अगली फसल की बिजाई को ध्यान में रखते हुए धान की कटाई और कढ़ाई जोरों पर चल रही है. किसान खेत से धान लेकर सीधा मंडी में पहुंच रहा है लेकिन निर्यातकों ने धान खरीद से हाथ खींच लिए हैं. इसके चलते स्थानीय आढ़तियों ने भी धान डलवाने से साफ इंकार कर दिया है. इसका नतीजा यह है कि पिछले 2 दिन से मंडियों में धान की खरीद लगभग ठप्प पड़ गई है. बता दे केवल स्थानीय मिलर ही धान खरीद कर रहे हैं.
धान के भाव में गिरावट
निर्यातकों के धान खरीद से हाथ खड़े करने पर भाव में भी भारी गिरावट दर्ज हुई है. बासमती धान का भाव 4700 रूपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था लेकिन अब यह भाव केवल 3500- 3700 रूपए प्रति क्विंटल पर आ गया है. वहीं, 1509 किस्म धान का भाव 3900 रूपए से गिरकर 2900 रूपए प्रति क्विंटल पर आ गया है. निर्यातक मंडियों से 1509, 1121, 1718 व 1847 की खरीद नहीं कर रहे हैं.
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