पानीपत | कहते हैं मौत का एक पल का भी भरोसा नहीं होता है और मौत कब किसको अपने आगोश में ले लें कुछ नहीं कहा जा सकता है. आप मौत से बचने के लाख प्रयत्न कर ले. यदि आपकी समय-घड़ी नजदीक है तो आपको कोई नहीं बचा सकता है. कुछ ऐसी ही दर्दनाक घटना की खबर हरियाणा के पानीपत जिले से सामने आई है जहां रेलवे के दो कर्मचारी मौत से बचने के लिए एक जगह से दूसरी जगह पर चले गए लेकिन वहां भी मौत उनका ही इंतजार कर रही थी.
बता दें कि पानीपत जिले के समालखा खंड के पास दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर काम चल रहा था, जहां दो कर्मचारियों की रेल की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई. हादसा इतना दर्दनाक था कि दोनों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के टुकड़ों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया था.
ऐसे हुआ हादसा
ऑफिस सुपरिटेंडेंट रणदीप सिंह ने इस दर्दनाक हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि समालखा रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर दूर मंडी फाटक के पास दिल्ली-अंबाला डाउन लिंक पर लाइनों के नीचे स्लीपर बदलने का काम चल रहा था. समालखा रेलवे स्टेशन से फोन के माध्यम से सूचना आई कि डाउन लिंक लाइन जिस पर काम चल रहा है और उस पर रन थ्रू सचखंड ट्रेन आ रही है.
ट्रेन आने की सूचना मिलते ही काम कर रहे सभी कर्मचारी एकाएक काम छोड़कर उप लिंक पर पहुंच गए लेकिन तभी उप लिंक पर भी दुर्ग एक्सप्रेस सुपरफास्ट ट्रेन आ गई और इसकी चपेट में आने से सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश और एस.एन. टी विक्रम दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए. इस हादसे में दोनों की दर्दनाक मौत हो गई. 45 वर्षीय दिनेश मूल रूप से बिहार का रहने वाला था जबकि 37 वर्षीय विक्रम मूल रूप से पानीपत के गांव खोजकीपुर का रहने वाला था.
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