पानीपत। हरियाणा के पानीपत जिलें का एक गांव लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. दरअसल यहां जेसीबी से खुदाई के दौरान जमीन से चांदी के सिक्के निकल रहें हैं. दो सप्ताह के दौरान दो बार में करीब 232 सिक्के मिले हैं. आसपास के क्षेत्र में यह खबर आग की तरह फ़ैल गई और भनक लगते ही लोग मौके पर पहुंच कर प्लांट में बिखरे सिक्कों को लेकर घर चले गए. पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद पहली बार के 45 सिक्के लोगों से बरामद कर पुरातत्व विभाग को सौंपे. सिक्के 1865 से 1885 के बीच के हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पानीपत ऐतिहासिक जिला है और यहां मुगलों तथा अंग्रेजी हुकूमत का शासन रहा है. पानीपत के तीनों युद्धकालीन तलवार, बरछी, भाले व अन्य सामग्री आज भी यहां संग्रहालय में संजो कर रखी हुई है. ऐसे में जिलें के गांव पट्टी कल्याणा में चांदी के सिक्के निकलना कोई अचरज की बात नहीं है. यहां मकान मालिक त्रिलोक चंद अग्रवाल के पुराने मकान की खोदाई के दौरान ब्रिटिश शासन काल के चांदी के सिक्के मिले हैं जिनपर महारानी एलिजाबेथ की फोटो अंकित है.
मकान मालिक ने प्लाट पर वैदिक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए खोदाई शुरू की थी. 12 और 26 जनवरी को दो बार खोदाई के दौरान घड़े में चांदी के सिक्के मिलने पर पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए थे. चंडीगढ़ पुरातत्व विभाग की टीम भी सूचना मिलते ही मौके पर जगह का निरीक्षण करने पहुंची हैं.
1965 के बाद खाली था मकान
मकान मालिक त्रिलोक चंद अग्रवाल ने बताया कि 1857 के दौरान उनके पूर्वज यहां आकर बसे थे. 1955 में उनका परिवार व्यापार की तलाश में मुंबई गया था और वही कारोबार शुरू कर दिया. हालांकि हर साल वो अपनी पत्नी के साथ यहां आते रहते हैं. परिवार आर्य समाज का अनुयायी हैं, इसलिए यहां वैदिक मंदिर बनाने के लिए खोदाई शुरू की गई थी जिस दौरान चांदी के सिक्के मिले हैं.
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