चंडीगढ़ | हरियाणा के चुनावी रण में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने वाली इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (INLD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा है. इनेलो को जहां 2 सीटों पर जीत नसीब हुई है, तो वहीं बसपा अपना खाता खोलने में नाकामयाब रही. इस चुनावी परिणाम के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
मायावती ने दिया ये बयान
BSP सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के चुनावी नतीजों को देखें तो बसपा का वोट गठबंधन की पार्टियों को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन उन पार्टियों में अपना वोट बसपा की तरफ ट्रांसफर कराने की क्षमता नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलते हैं. इससे पार्टी में निराशा का भाव आता है. उस नुकसान से बचाने के लिए अब पंजाब और हरियाणा की पार्टियों से गठबंधन नहीं करने का फैसला लिया गया है.
कमजोर करने की जातिवादी कोशिशें जारी: मायावती
मायावती ने कहा कि देश की एकमात्र प्रतिष्ठित आंबेडकरवादी पार्टी BSP व उसके आत्म- सम्मान और स्वाभिमान मूवमेंद के कारवां को हर प्रकार से कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं. इसको देखते हुए अपना उद्धार स्वंय करने और योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह जारी रखनी जरूरी है.
2. इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम व इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा व पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय, जबकि भाजपा/एनडीए व कांग्रेस/इण्डिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी।
— Mayawati (@Mayawati) October 11, 2024
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का वोटबैंक इनेलो प्रत्याशियों की ओर पूरी तरह से शिफ्ट हुआ है, लेकिन INLD का वोटबैंक हमारी पार्टी के उम्मीदवारों को नहीं मिला, जिसके चलते कुछ सीटों पर हमारे उम्मीदवारों को बेहद कम मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, जिन 2 सीटों डबवाली से आदित्य चौटाला और रानियां से अर्जुन चौटाला ने बतौर इनेलो प्रत्याशी जीत दर्ज की है, उनकी जीत का मार्जिन भी बेहद ही कम रहा है.
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