चंडीगढ़ | लोकसभा चुनावों में 0 से 5 सीटों का सफर तय करने वाली हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) ने अब इसी साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. इसके तहत, पूरे राज्य को 3 जोन में बांटा गया है. एक तरफ जहां न्याय- पत्र बनाने के लिए सूबे के लोगों से सुझाव मांगे गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन करने को कहा गया है.
5 सीटों पर जीत से उत्साहित कांग्रेस
5 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद हरियाणा कांग्रेस के नेताओ मे अलग ही जोश नजर आ रहा है. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा राहुल गांधी द्वारा हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की बैठक लेने के बाद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने प्रदेश के कांग्रेसियों को एक पत्र जारी किया है.
रणनीति बनाने में जुटी कांग्रेस
प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने 0 से उठकर 5 लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है और 90 विधानसभा में से 46 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त हासिल की है. उन्होंने बताया कि अगले दो माह के भीतर हरियाणा में जहां रैलियों का आयोजन किया जाएगा, वहीं घर- घर कांग्रेस अभियान समेत कई अभियान चलाकर लोगों को बीजेपी की जनविरोधी नीतियों से अवगत करवाते हुए न्याय युद्ध में अपने साथ जोड़ा जाएगा.
3 जोन में बांटकर ई- मेल जारी
दीपक बाबरिया ने बताया कि प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में टिकटार्थियों तथा हाईकमान से अपनी बात कहने वालों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए 2 महीने में सबसे मुलाकात कर पाना मुश्किल है. ऐसे में हरियाणा को 3 अलग- अलग जोन में बांटकर अलग- अलग ई- मेल जारी किए गए हैं. पहले जोन में विधानसभा हल्का नंबर 1 से 38 तक रहेंगे. दूसरे जोन में 39 से 67 तथा तीसरे जोन में 68 से 90 नंबर तक हल्के रहेंगे.
अब टिकटार्थियों द्वारा जोन के हिसाब से टिकट के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में अपना बायोडाटा मेल किया जाएगा. इसके अलावा, प्रदेशवासी तथा पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान बनाए जाने वाले न्याय पत्र के लिए इन्हीं ई- मेल पर अपने सुझाव भेज सकते हैं, जिन्हें पार्टी की घोषणा पत्र समिति द्वारा संकलित किया जाएगा.
उम्मीदवारों के लिए तय किया क्राइटेरिया
उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं के चयन के लिए क्राइटेरिया तय कर दिया है. इसके चलते सबसे पहले उम्मीदवार में जीत की संभावना को देखा जाएगा. उसके बाद, दावेदार की इलाके में मेरिट, कार्यकर्ताओं का फीडबैक, जनता में उसकी उपस्थिति व उपलब्धता को ही टिकट का आधार बनाया जाएगा. बाबरिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तरह सिर्फ उसी दावेदार को टिकट मिलेगा, जो विधानसभा चुनाव जीत सकने की स्थिति में होगा. इसके लिए कांग्रेस पार्टी अपने स्तर पर सर्वे भी कराएगी.
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