चंडीगढ़ | राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत से हरियाणा में भी भाजपा (BJP) नेता आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दे रहे हैं और खुलकर बयान देने लगे हैं कि अब हरियाणा में भी लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करेंगे. वहीं, BJP के साथ सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी (JJP) राजस्थान में खराब प्रदर्शन के बाद बैकफुट पर नजर आ रही है.
तीन राज्यों में ऐतिहासिक जीत के बाद हरियाणा बीजेपी सरकार और पार्टी संगठन अपनी अगली रणनीति बनाने की तैयारियां शुरू कर चुके हैं. बीजेपी के रणनीतिकार जहां लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने की संभावनाएं तलाश रहे हैं तो वहीं साथ ही सरकार में शामिल जजपा का हाथ झटकने के लिए उचित अवसर का इंतजार किया जाने लगा है.
संभावना जताई जा रही है कि यदि बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व अनुमति प्रदान करता है तो हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है. इसमें फेरबदल के पीछे सबसे पहली और बड़ी वजह स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा पिछले दो महीने से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज नहीं देखना है.
निर्दलीय विधायकों को समर्पण का ईनाम
अनिल विज मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी द्वारा बिना उनकी जानकारी और अनुमति के स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग लिए जाने पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. ऐसे में उनकी नाराजगी से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें लंबित रहने की वजह से विभाग पूरी तरह से पटरी से उतरा हुआ बताया जा रहा है. साथ ही, पिछले साढ़े चार साल से सरकार का बिना शर्त समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों को भी मुख्यमंत्री उनके समर्पण का ईनाम देने के मूड में दिखाई दे रहे हैं.
क्या जजपा करेगी बर्दाश्त
तीन राज्यों में जीत के बाद हरियाणा में भी अब इसका माहौल नजर आने लगा है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी एकदम जेजेपी से किनारा नहीं करेगी लेकिन संभावित मंत्रिमंडल में फेरबदल कर जजपा कोटे के मंत्रियों के विभागों पर जबरदस्त तरीके से कैंची चलाई जा सकती हैं.
यदि इस कैंची को जेजेपी नेताओं ने बर्दाश्त कर लिया तो ठीक अन्यथा बीजेपी के पास जेजेपी के साथ अपने रिश्तों को नई दिशा देने का बड़ा आधार बन जाएगा. लेकिन इस पूरी कार्रवाई का अंत जजपा के साथ राजनीतिक रिश्तों को अलग करने की भाजपा की रणनीति से जुड़ा बताया जा रहा है.
खबर सामने आ रही है कि इसी सप्ताह सीएम मनोहर लाल की पार्टी प्रभारी बिप्लब कुमार देब तथा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी के साथ बेहद महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें चुनाव नतीजों के बाद की स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इसी बैठक में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और जेजेपी के साथ गठबंधन के रिश्तों की परिणति को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. साथ ही, कुछ ऐसे विधायकों को भी मंत्री पद ईनाम में दिए जाने की संभावना है, जिन्होंने राजस्थान में बीजेपी का कमल खिलाने में अहम रोल अदा किया था.
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