हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर BJP ने बनाई रणनीति, यहां समझें खट्टर सरकार का गेम प्लान

चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद JJP के साथ सरकार बनाई. हाल के आदमपुर उपचुनाव में भी कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्या बिश्नोई की जीत के साथ भाजपा की सीटों की संख्या 41 हो गई है. हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गेम प्लान तैयार कर लिया है. भाजपा संगठन की सबसे छोटी और मजबूत कड़ी पन्ना प्रमुख को सूक्ष्म स्तर तक ले जा रही है इसलिए पन्ना प्रमुखों के बाद अब पन्ना समितियों का गठन किया जा रहा है.

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इसके लिए जिलाध्यक्षों व प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई है. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश (UP), मध्य प्रदेश (MP) के बाद इस फॉर्मूले के दम पर गुजरात में रिकॉर्ड जीत हासिल की है. गुरुग्राम में हुई समीक्षा बैठक में पार्टी के सभी नेताओं को चुनावी जीत का यह रोडमैप बताया है.

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जानें कौन होता है पन्ना प्रमुख

पन्ना प्रमुख कहे जाने वाला एक बीजेपी कार्यकर्ता होता है, जिसे वोटर लिस्ट के एक पेज के 30 वोटरों की जिम्मेदारी दी गई है. वह मतदाता सूची के एक पृष्ठ का प्रमुख होता है. पन्ना प्रमुख की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने 30 मतदाताओं से बात करें और उनसे संपर्क कर तय करें कि वे सभी भाजपा के पक्ष में मतदान करें.

पन्ना कमेटी की ये है नई तैयारी

पन्ना प्रमुख के बाद बीजेपी पन्ना समिति पर फोकस कर रही है. पन्ना समिति पन्ना प्रमुख से छोटी इकाई होगी. इसे ऐसे समझिए कि वर्तमान में 30 वोटरों पर एक पन्ना प्रमुख होता है लेकिन इन 30 वोटरों में से 5 पन्ना प्रमुख बनेंगे यानी 30 वोटरों पर 5 पन्ना प्रमुख होंगे. इन सबकी एक कमेटी बनेगी. यही फॉर्मूला बीजेपी ने गुजरात में अपनाया था, जिसे हरियाणा में लागू किया जा रहा है.

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पन्ना समिति की आवश्यकता के 4 बड़े कारण

  1. हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को बता दिया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में उसकी पकड़ कमजोर होती जा रही है.
  2. जिला परिषद चुनाव में भाजपा ने 102 सीटों पर प्रत्याशियों को सिंबल दिया लेकिन 22 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी. इसके अलावा, पंच-सरपंच चुनाव में भी बेहतर परिणाम नहीं मिल सका.
  3. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका था. जिस वजह से JJP के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी. मंत्रियों के कई महत्वपूर्ण कोटे जेजेपी को देने पड़े.
  4. हरियाणा में बीजेपी दो बार से सत्ता में है. ऐसे में उन्हें सत्ता विरोधी लहर का डर भी सता रहा है. जमीनी स्तर पर इसे भांपते हुए लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए भी यह रणनीति अपनाई जा रही है.

चुनाव की प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदारी

पन्ना प्रमुख प्रत्येक मतदाता से मुलाकात कर और फोन से संपर्क करते हैं. जब तक उनके पेज का आखिरी वोटर मतदान केंद्र नहीं पहुंच जाता, तब तक उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती. हर पन्ना प्रमुख चुनाव शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद एक रिपोर्ट तैयार करता है, जिसके फीडबैक के आधार पर यह तय किया जाता है कि कितने लोगों ने बीजेपी को वोट दिया. इससे जीतने की संभावना का अंदाजा भी हो जाता है.

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सीएम भी होंगे पन्ना प्रमुख

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद बीजेपी जल्द ही हरियाणा में पन्ना प्रमुख अभियान शुरू करेगी. इसके लिए जिलाध्यक्षों सहित प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की गई है. इस अभियान में सीएम के साथ ही सरकार के मंत्रियों को भी पन्ना प्रमुख बनाया जाएगा. इन बड़े नेताओं के पन्ना प्रमुख बनने से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और इससे पार्टी चुनाव में भी मजबूत होगी.

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