हरियाणा में जेजेपी से इसलिए छुटकारा पाना चाहती है बीजेपी, यहां समझें पार्टी का मास्टर प्लान

चंडीगढ़ | अगले साल हरियाणा में चुनाव होने वाले हैं. मौजूदा समय में बीजेपी- जेजेपी गठबंधन टूटने की जोरो शोरो पर चर्चा है. दूसरी तरफ बीजेपी के पास जेजेपी से गठबंधन तोड़ने की खास वजहें भी हैं. बीजेपी नेताओं का मानना ​​है कि जेजेपी के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने से पार्टी को नुकसान होगा. फिलहाल, राज्य की सभी 10 सीटों पर बीजेपी सांसद हैं. ऐसे में अगर गठबंधन में चुनाव होता है तो जेजेपी को अपने हिस्से की कुछ सीटें देनी होंगी. अगर ऐसा हुआ तो लोकसभा के बाद विधानसभा में भी जेजेपी का दबाव बीजेपी पर फिर से बढ़ जाएगा.

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बीजेपी के पास हैं 41 विधायक

गठबंधन को लेकर हरियाणा बीजेपी नेताओं का रुख इसलिए भी सख्त है क्योंकि जेजेपी से नाता टूटने के बाद भी सरकार को कोई खतरा नहीं है. इसे ऐसे समझें कि राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. सरकार को बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है. बीजेपी के पास अभी 41 विधायक मौजूद हैं. 10 विधायकों का समर्थन जेजेपी से है.

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फिलहाल, 4 निर्दलीय विधायक खुलकर सरकार के साथ हैं और हलोपा संयोजक गोपाल कांडा भी सरकार के साथ रहने का ऐलान कर चुके हैं. इन 5 विधायकों को मिलाकर बीजेपी सरकार में बहुमत की स्थिति में है. इनके अलावा, दो और निर्दलीय विधायकों ने परोक्ष रूप से सरकार को समर्थन दिया है. ऐसे में अगर जेजेपी चली भी गई तो बीजेपी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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हिंदी बेल्ट में मोदी मैजिक का फायदा

हरियाणा बीजेपी के साथ- साथ पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी मान रहा है कि लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक फिर चलेगा. चूंकि, हरियाणा हिंदी बेल्ट है इसलिए यहां इसकी संभावनाएं ज्यादा हैं. इसी वजह से 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की. 2024 में भी पार्टी इसी फॉर्मूले के साथ आगे बढ़ना चाहती है.

पंजाब में गठबंधन तोड़ने का फॉर्मूला

बीजेपी हरियाणा में गठबंधन टूटने का कोई भी दोष अपने ऊपर नहीं लेना चाहती. इसीलिए वह अभी भी पंजाब फॉर्मूले पर चल रही है. पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान भी बीजेपी ने अकाली दल से गठबंधन तोड़ने के बजाय खुद ही उन पर दबाव बनाया था. नतीजा यह रहा कि अकाली दल ने 23 साल पुराना अपना गठबंधन पार्टी से तोड़ दिया. हालांकि, अब अकाली दल फिर से गठबंधन चाहता है लेकिन बीजेपी उन्हें करीब नहीं आने दे रही है. हरियाणा में भी बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब साढ़े तीन साल सरकार चलाने के बाद इसी फॉर्मूले पर चल रहे हैं.

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2 घंटे तक हुई बैठक

आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि दिल्ली में हरियाणा को लेकर विशेष चर्चा हुई. 2 घंटे चली इस बैठक में गठबंधन ही मुख्य मुद्दा था. बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर, ओम प्रकाश धनखड़ आदि मौजूद थे.

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