चंडीगढ़ । हरियाणा में जनता को एक बार फिर से कुछ ही समय बाद राजनीतिक हलचल दिखाई देगी. एक बार फिर से हरियाणा में बड़ौदा उपचुनाव के पश्चात विभिन्न राजनीतिक पार्टियां उपचुनाव में अपना दम दिखाएंगी. इसकी वजह है किसान आंदोलन के समर्थन में ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला का अपने पद से इस्तीफा दे देना. इसके बाद स्थितियां कुछ ऐसी बन गई हैं कि अब ऐलनाबाद में एक बार फिर से तीसरी बार उपचुनाव होंगे.
अभय सिंह चौटाला का इस्तीफा देना अन्य विधायकों के लिए बना समस्या
किसान समर्थन में पूरे हरियाणा में ट्रैक्टर यात्रा निकालने के पश्चात ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने अपने पद से इस्तीफा देकर एक ऐसा कदम उठाया है जिससे सत्ताधारी भाजपा, कांग्रेस, जेजेपी और बाकी निर्दलीय विधायकों की परेशानी बढ़ गई है. बड़ा सवाल यह उठता है कि बिना किसानों की मांग के अभय सिंह चौटाला ने अपने पद से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि चौधरी देवीलाल की नीतियों पर ही इनेलो पार्टी चलती है. इनेलो पार्टी तीनों नए कृषि कानूनों के विरुद्ध है. इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. अब वह पूरे हरियाणा के किसानों के बीच जाएंगे. हमेशा से चौधरी देवी लाल किसानों के साथ है.
पूर्व सीएम हुड्डा बीजेपी के एजेंट -अभय सिंह चौटाला
अपने ही परिवार के बाकी विधायकों उस पर हमला करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कुछ लोग चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने का दिखावा करते हैं. चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने वाले लोगों को वास्ता है तो उन्हें भी मेरी तरह तुरंत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए. अभय सिंह चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बीजेपी का एजेंट बोला है. इस बात की दलील देते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी की सहायता की थी.
ऐलनाबाद सीट पर रहा हमेशा से इनेलो का कब्जा
वैसे यदि अब चुनावों की बात करें तो सोनीपत जिले की बरोदा सीट पर बीजेपी जिस प्रकार कभी भी कमल नहीं खिला सकी उसी प्रकार बीजेपी ने कभी भी ऐलनाबाद सीट पर कमल ही खिलाया. 1982 के पश्चात लोकदल इनेलो के टिकट पर लड़े गए 9 चुनाव में 8 बार इनेलो पार्टी ने ऐलनाबाद सीट पर कब्जा किया है.
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