चंडीगढ़ | हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन को लेकर BJP ने रोडमैप बना लिया है. हाल ही में, दिल्ली में हुई कोर कमेटी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिप्लब देब की रिपोर्ट पर हरियाणा के नेताओं से फीडबैक लिया था. बैठक में हलोपा पार्टी के संयोजक और विधायक गोपाल कांडा के साथ- साथ अन्य विधायकों के नामों पर भी चर्चा हुई.
पार्टी सूत्रों की मानें तो अब गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा. ऐसी भी संभावना है कि 30 जून को पार्टी का जनसंपर्क अभियान पूरा होने के बाद इसकी घोषणा कर दी जायेगी.
दिल्ली में कोर ग्रुप का मंथन
दिल्ली में दो घंटे तक चली बैठक में हरियाणा के राजनीतिक हालात पर गहन चर्चा हुई. बैठक का मुख्य मुद्दा बीजेपी- जेजेपी गठबंधन था. इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रमुख रूप से शामिल हुए. इसमें हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और हरियाणा बीजेपी कोर ग्रुप के नेता मौजूद रहे.
फीडबैक में गठबंधन पर खराब रिपोर्ट
बता दें कि सिरसा रैली के तुरंत बाद बीजेपी की हरियाणा इकाई ने बीजेपी आलाकमान को ताजा फीडबैक दिया है. इस फीडबैक में गठबंधन को अच्छा नहीं बताया गया है. इसके साथ ही, बीजेपी के कई नेता पहले ही अकेले चलने की सलाह दे चुके हैं. बीजेपी प्रभारी बिप्लब पहले ही निर्दलीय विधायकों को लेकर चर्चा कर चुके हैं. यह भी योजना बनाई गई है कि बीजेपी निर्दलीय विधायकों के दम पर हरियाणा में सरकार बना सकती है. हलोपा प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा को लेकर भी बीजेपी जल्द फैसला लेने की तैयारी में है.
बीजेपी ने किया प्लान बी तैयार
गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के जल्द फैसले के आश्वासन के बाद हरियाणा प्रदेश इकाई के नेता काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि बिप्लब देब के नेतृत्व में 4 निर्दलीय विधायक खुलकर बीजेपी के साथ नजर आ रहे हैं. इनमें धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान के नाम शामिल हैं. इसके बाद, गोपाल कांडा सीएम मनोहर लाल के भी संपर्क में हैं. वहीं, बीजेपी हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 46 का जादुई आंकड़ा पाने की स्थिति में पहुंच गई है. इसे लेकर बीजेपी ने प्लान बी तैयार किया है.
आखिर क्यों घबरा रही बीजेपी
हरियाणा में गठबंधन को लेकर चिंता की कुछ वजहें हैं यानी हाल ही में हुए पार्टी के सर्वे में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है. इसके बाद, केंद्रीय नेतृत्व के साथ- साथ हरियाणा बीजेपी इकाई भी डरी हुई है. यही वजह है कि बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर फोकस करना शुरू कर दिया है. जेजेपी ने भी सरकार में सहयोगी बीजेपी के संदेश को समझ लिया है और 10 लोकसभा सीटों पर काम करना शुरू कर दिया है.
30 जून तक राज्य के कई जिलों में रैलियां
पिछले दिनों निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब से मुलाकात की थी. जिसके बाद, बीजेपी हरियाणा में और ज्यादा एक्टिव मोड में नजर आने वाली है. हालांकि, 30 जून तक राज्य के कई जिलों में रैलियां हैं, इसलिए केंद्र से लेकर राज्य स्तर तक के नेता रैलियों में व्यस्त हैं. गठबंधन को लेकर पार्टी ने सबकुछ तय कर लिया है. संभावना है कि जून के आखिरी या जुलाई के पहले हफ्ते में बीजेपी हरियाणा में गठबंधन को लेकर कोई बड़ा फैसला लेगी.
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