चंडीगढ़ | हरियाणा के पंचायत मंत्री और टोहाना हल्के से जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली और राज्य सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चैयरमेन सुभाष बराला के बीच आपसी खींचतान सार्वजनिक हो चुकी है. बबली डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के कोटे से मंत्री हैं जबकि बराला सीएम मनोहर लाल के खासमखास है. देवेन्द्र बबली ने अपनी ही गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा है और उन्होंने अपनी पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को भी लपेटे में लिया है.
बबली ने बराला को दी थी करारी हार
देवेन्द्र बबली और सुभाष बराला के बीच टकराव 2019 के विधानसभा चुनावो के नतीजों से चला आ रहा है. टोहाना हल्के के इस चुनाव में देवेन्द्र बबली ने बराला को 50 हजार से भी अधिक वोटों से करारी हार दी थी. गठबंधन सरकार बनने के बाद कई बार ऐसा संदेश देने की कोशिश की गई कि दोनों के बीच टकराव खत्म हो गया है लेकिन राजनीति में उनकी सियासी दुश्मनी बार- बार जगजाहिर हो रही हैं और टोहाना नगर परिषद के उप प्रधान पद के चुनाव में यह बात खुलकर सामने आई.
JJP की हार से बनें ऐसे हालात
टोहाना नगर परिषद के उप प्रधान के चुनाव में बीजेपी यानि बराला समर्थित प्रत्याशी ने जीत का परचम लहराया जबकि बबली समर्थित प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा. चुनाव नतीजों के बाद बराला के समर्थकों ने जबरदस्त हूटिंग की,जिस पर बबली भड़क उठे और गठबंधन सरकार पर जबरदस्त हमला करते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जड़ डालें.
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
देवेन्द्र बबली ने कहा कि वो अकेले ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं. ऐसा भी नहीं कह सकते कि बबली की बात गलत हो लेकिन उनके इस बयान पर खुद दुष्यंत चौटाला तथा गठबंधन सरकार में शामिल मंत्री भी नाराज़ हैं. दरअसल धीरे- धीरे देवेन्द्र बबली और सीएम मनोहर लाल के बीच नजदीकियां बढ़ रही है और इस काम में गठबंधन सरकार के सूत्रधार मीनू बैनीवाल अहम भूमिका अदा कर रहे हैं.
देवेन्द्र बबली के इस तरह की बयानबाजी से निश्चित तौर पर उनके विरोधियों की संख्या का आंकड़ा बढ़ेगा. खुद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को बबली का यह रूप नागवार गुजरा और उन्होंने बबली को यहां तक चेतावनी दे डाली कि बोलने से कुछ नहीं होगा. अगर कही भ्रष्टाचार हो रहा है तो आप पकड़ कर दिखाओ, आप मंत्री हों, आपके पास पॉवर है. दुष्यंत चौटाला के इस बयान के बाद बराला को भी हावी होने का मौका मिल गया और उन्होंने कहा कि हार- जीत चुनाव का एक हिस्सा है लेकिन देवेन्द्र बबली की बौखलाहट इस कदर देखने को मिलेगी,इसकी उम्मीद नहीं थी.
विपक्ष ने डाला आग में घी
देवेन्द्र बबली और सुभाष बराला के इस राजनीतिक टकराव में विपक्ष ने आग में घी डालने का काम किया. पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा ने गठबंधन सरकार में शामिल जजपा पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बबली की पीठ थपथपाई. हुड्डा बोलें कि पूरी सरकार में एक मंत्री ही सही लेकिन सच बोलने का साहस तो दिखाया. मैं बबली की इस प्रयास के सराहना करता हूं. वहीं हुड्डा के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने कहा कि जिनके खुद के घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए.
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